जंगल की आग की रोकथाम
भारत सरकार का पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय वर्तमान में चल रही केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) - वनों की आग की रोकथाम और प्रबंधन के अंतर्गत वित्तीय सहायता प्रदान करके जंगल की आग की रोकथाम और नियंत्रण में राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासनों की सहायता करती है।
इसके अलावा, जंगल की आग का समय पर पता लगाने और निगरानी के लिए, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत एक संगठन, भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) ने एक उपग्रह-आधारित 'वन अग्नि निगरानी और चेतावनी प्रणाली' स्थापित की है। जंगल की आग की चेतावनियाँ पंजीकृत उपयोगकर्ताओं को एसएमएस और ई-मेल के माध्यम से प्रसारित की जाती हैं।
साथ ही, देश में जंगल की आग की घटनाओं की निगरानी के लिए मंत्रालय में एक चौबीसों घंटे और सातों दिन कार्य करने वाला आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।
महाराष्ट्र के राज्य वन विभाग से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, राज्य भर के जंगलों में आग के प्रबंधन और नियंत्रण के लिए महाराष्ट्र राज्य में निम्नलिखित उपाय किए गए हैं-
जंगल की आग के खतरों और घटनाओं पर प्रतिक्रिया देने के लिए जंगल की आग प्रबंधन योजनाएँ तैयार की जाती हैं।
जंगल की आग के मौसम से पहले की तैयारी गतिविधियाँ जैसे कि अग्नि लाइनों का निर्माण और रखरखाव, संवेदनशील क्षेत्रों के आसपास अतिरिक्त घास को हटाना, अग्निशमन उपकरणों का रखरखाव आदि किया जाता है।
लगातार निगरानी रखने के लिए फायर वॉचर्स की नियुक्ति, नियमित गश्त और मोबाइल स्क्वाड इकाइयों की तैनाती की जाती है।
प्रशिक्षण के माध्यम से फील्ड स्टाफ का क्षमता निर्माण, जंगल की आग की रोकथाम और प्रबंधन के लिए अग्निशमन उपकरणों का प्रावधान भी किया जाता है।
वन अग्नि प्रबंधन और नियंत्रण में संयुक्त वन प्रबंधन समितियों (जेएफएमसी) और इको-विकास समितियों (ईडीसी) के माध्यम से सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा दिया जाता है।
संवेदनशील इलाकों में ड्रोन प्रौद्योगिकी का भी उपयोग किया जाता है।
क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ निगरानी और समन्वय के लिए एक वन नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।
जंगल की आग की रोकथाम और नियंत्रण में जनता की भागीदारी मुख्य रूप से जेएफएमसी, ईडीसी और वन पंचायतों के माध्यम से होती है।
महाराष्ट्र सरकार का राज्य वन विभाग आधुनिक अग्निशमन तरीकों/उपकरणों को अपना रहा है। फील्ड स्टाफ को जंगल की आग को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक उपकरणों सहित कार्य किट जैसे उपकरण और सामाग्री प्रदान की गई हैं।
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।