नवप्रवेशी कला एवं विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों का हुआ दीक्षारम्भ संस्कार दिलाई गई दीक्षारम्भ प्रतिज्ञा

नवप्रवेशी कला एवं विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों का हुआ दीक्षारम्भ संस्कार दिलाई गई दीक्षारम्भ प्रतिज्ञा         दयानन्द वैदिक कॉलेज उरई में सोमवार को कॉलेज के इतिहास में पहली बार IQAC सेल के तत्वावधान में कला एवं विज्ञान संकाय के नये सत्र के विद्यार्थियों के लिए दीक्षारम्भ संस्कार का आयोजन किया गया ।          कार्यक्रम का शुभारम्भ कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. राजेश चन्द्र पाण्डेय, IQAC सेल की संयोजक डॉ. अलकारानी पुरवार, आइक्यूएसी के उपसंयोजक डॉ. विजय चौधरी,, मुख्य अनुशासन अधिकारी डॉ. गौरव यादव, मुख्य समारोह अधिकारी डॉ. राजेश पालीवाल आदि ने दीपप्रज्वालन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।         दीक्षारम्भ संस्कार का उद्देश्य नए विद्यार्थियों को महाविद्यालय के वैभवशाली इतिहास, कॉलेज के प्राध्यापकों, इकाइयों से परिचित कराना तथा विद्यार्थियों को परस्पर सामंजस्य बनाने एवं कॉलेज में सौहार्दपूर्ण वातावरण निर्मित करने का उद्देश्य रहा।          इस अवसर पर कला संकाय के सभी 14 एवं विज्ञान संकाय के सभी 05 विभागों के प्रभारियों द्वारा अपने विभाग के इतिहास, वर्तमान प्राध्यापकों एवं उपलब्धियां से विद्यार्थियों को परिचित कराया।          इस दौरान मुख्य अनुशासन अधिकारी डॉ. गौरव यादव के द्वारा कॉलेज में अनुशासन बनाने के लिये आचार संहिता प्रस्तुत की गई।         अपने संदेश में कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. राजेश चन्द्र पाण्डेय ने सर्वप्रथम विद्यार्थियों को शिक्षा एवं दीक्षा का तात्पर्य बताया और कहा कि शिक्षा केवल विद्या ग्रहण करना है। परन्तु दीक्षा संस्कार उस शिक्षा से अधिक आवश्यक है क्योंकि दीक्षा हमें शिक्षा ग्रहण करने का योग्य पात्र बनाती है। जब तक दीक्षाशक्ति हमारे पास नहीं होगी तब तक हम अच्छी शिक्षा नहीं ग्रहण कर पाएंगे। इसीलिए आज यह ऐतिहासिक कार्य कॉलेज में प्रारम्भ किया गया।            प्राचार्य ने विद्यार्थियों का ऋग्वेद एवं सामवेद के मन्त्रों से दीक्षारम्भ संस्कार कराया। इसके बाद दीक्षारम्भ की प्रतिज्ञा दिलाई जिसमें "सत्यं वद, धर्मं चर, स्वाध्यायान्मा प्रमदः", जैसे उपनिषद् के मन्त्रों के द्वारा "सत्य बोलना, धर्म का पालन करना एवं स्वाध्याय करने की प्रतिज्ञा कराई गई।          कार्यक्रम का संचालन डॉ. माधुरी रावत एवं धन्यवाद ज्ञापन विज्ञान संकाय प्रभारी डॉ. रामकिशोर गुप्ता एवं कला एवं मानविकी संकाय प्रभारी डॉ. राजन भाटिया के द्वारा किया गया।           इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षणेतर कर्मचारी तथा विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।
नवप्रवेशी कला एवं विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों का हुआ दीक्षारम्भ संस्कार दिलाई गई दीक्षारम्भ प्रतिज्ञा         दयानन्द वैदिक कॉलेज उरई में सोमवार को कॉलेज के इतिहास में पहली बार IQAC सेल के तत्वावधान में कला एवं विज्ञान संकाय के नये सत्र के विद्यार्थियों के लिए दीक्षारम्भ संस्कार का आयोजन किया गया ।          कार्यक्रम का शुभारम्भ कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. राजेश चन्द्र पाण्डेय, IQAC सेल की संयोजक डॉ. अलकारानी पुरवार, आइक्यूएसी के उपसंयोजक डॉ. विजय चौधरी,, मुख्य अनुशासन अधिकारी डॉ. गौरव यादव, मुख्य समारोह अधिकारी डॉ. राजेश पालीवाल आदि ने दीपप्रज्वालन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।         दीक्षारम्भ संस्कार का उद्देश्य नए विद्यार्थियों को महाविद्यालय के वैभवशाली इतिहास, कॉलेज के प्राध्यापकों, इकाइयों से परिचित कराना तथा विद्यार्थियों को परस्पर सामंजस्य बनाने एवं कॉलेज में सौहार्दपूर्ण वातावरण निर्मित करने का उद्देश्य रहा।          इस अवसर पर कला संकाय के सभी 14 एवं विज्ञान संकाय के सभी 05 विभागों के प्रभारियों द्वारा अपने विभाग के इतिहास, वर्तमान प्राध्यापकों एवं उपलब्धियां से विद्यार्थियों को परिचित कराया।          इस दौरान मुख्य अनुशासन अधिकारी डॉ. गौरव यादव के द्वारा कॉलेज में अनुशासन बनाने के लिये आचार संहिता प्रस्तुत की गई।         अपने संदेश में कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. राजेश चन्द्र पाण्डेय ने सर्वप्रथम विद्यार्थियों को शिक्षा एवं दीक्षा का तात्पर्य बताया और कहा कि शिक्षा केवल विद्या ग्रहण करना है। परन्तु दीक्षा संस्कार उस शिक्षा से अधिक आवश्यक है क्योंकि दीक्षा हमें शिक्षा ग्रहण करने का योग्य पात्र बनाती है। जब तक दीक्षाशक्ति हमारे पास नहीं होगी तब तक हम अच्छी शिक्षा नहीं ग्रहण कर पाएंगे। इसीलिए आज यह ऐतिहासिक कार्य कॉलेज में प्रारम्भ किया गया।            प्राचार्य ने विद्यार्थियों का ऋग्वेद एवं सामवेद के मन्त्रों से दीक्षारम्भ संस्कार कराया। इसके बाद दीक्षारम्भ की प्रतिज्ञा दिलाई जिसमें "सत्यं वद, धर्मं चर, स्वाध्यायान्मा प्रमदः", जैसे उपनिषद् के मन्त्रों के द्वारा "सत्य बोलना, धर्म का पालन करना एवं स्वाध्याय करने की प्रतिज्ञा कराई गई।          कार्यक्रम का संचालन डॉ. माधुरी रावत एवं धन्यवाद ज्ञापन विज्ञान संकाय प्रभारी डॉ. रामकिशोर गुप्ता एवं कला एवं मानविकी संकाय प्रभारी डॉ. राजन भाटिया के द्वारा किया गया।           इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षणेतर कर्मचारी तथा विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।
नवप्रवेशी कला एवं विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों का हुआ दीक्षारम्भ संस्कार दिलाई गई दीक्षारम्भ प्रतिज्ञा         दयानन्द वैदिक कॉलेज उरई में सोमवार को कॉलेज के इतिहास में पहली बार IQAC सेल के तत्वावधान में कला एवं विज्ञान संकाय के नये सत्र के विद्यार्थियों के लिए दीक्षारम्भ संस्कार का आयोजन किया गया ।          कार्यक्रम का शुभारम्भ कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. राजेश चन्द्र पाण्डेय, IQAC सेल की संयोजक डॉ. अलकारानी पुरवार, आइक्यूएसी के उपसंयोजक डॉ. विजय चौधरी,, मुख्य अनुशासन अधिकारी डॉ. गौरव यादव, मुख्य समारोह अधिकारी डॉ. राजेश पालीवाल आदि ने दीपप्रज्वालन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।         दीक्षारम्भ संस्कार का उद्देश्य नए विद्यार्थियों को महाविद्यालय के वैभवशाली इतिहास, कॉलेज के प्राध्यापकों, इकाइयों से परिचित कराना तथा विद्यार्थियों को परस्पर सामंजस्य बनाने एवं कॉलेज में सौहार्दपूर्ण वातावरण निर्मित करने का उद्देश्य रहा।          इस अवसर पर कला संकाय के सभी 14 एवं विज्ञान संकाय के सभी 05 विभागों के प्रभारियों द्वारा अपने विभाग के इतिहास, वर्तमान प्राध्यापकों एवं उपलब्धियां से विद्यार्थियों को परिचित कराया।          इस दौरान मुख्य अनुशासन अधिकारी डॉ. गौरव यादव के द्वारा कॉलेज में अनुशासन बनाने के लिये आचार संहिता प्रस्तुत की गई।         अपने संदेश में कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. राजेश चन्द्र पाण्डेय ने सर्वप्रथम विद्यार्थियों को शिक्षा एवं दीक्षा का तात्पर्य बताया और कहा कि शिक्षा केवल विद्या ग्रहण करना है। परन्तु दीक्षा संस्कार उस शिक्षा से अधिक आवश्यक है क्योंकि दीक्षा हमें शिक्षा ग्रहण करने का योग्य पात्र बनाती है। जब तक दीक्षाशक्ति हमारे पास नहीं होगी तब तक हम अच्छी शिक्षा नहीं ग्रहण कर पाएंगे। इसीलिए आज यह ऐतिहासिक कार्य कॉलेज में प्रारम्भ किया गया।            प्राचार्य ने विद्यार्थियों का ऋग्वेद एवं सामवेद के मन्त्रों से दीक्षारम्भ संस्कार कराया। इसके बाद दीक्षारम्भ की प्रतिज्ञा दिलाई जिसमें "सत्यं वद, धर्मं चर, स्वाध्यायान्मा प्रमदः", जैसे उपनिषद् के मन्त्रों के द्वारा "सत्य बोलना, धर्म का पालन करना एवं स्वाध्याय करने की प्रतिज्ञा कराई गई।          कार्यक्रम का संचालन डॉ. माधुरी रावत एवं धन्यवाद ज्ञापन विज्ञान संकाय प्रभारी डॉ. रामकिशोर गुप्ता एवं कला एवं मानविकी संकाय प्रभारी डॉ. राजन भाटिया के द्वारा किया गया।           इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षणेतर कर्मचारी तथा विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।

नवप्रवेशी कला एवं विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों का हुआ दीक्षारम्भ संस्कार दिलाई गई दीक्षारम्भ प्रतिज्ञा

       दयानन्द वैदिक कॉलेज उरई में सोमवार को कॉलेज के इतिहास में पहली बार IQAC सेल के तत्वावधान में कला एवं विज्ञान संकाय के नये सत्र के विद्यार्थियों के लिए दीक्षारम्भ संस्कार का आयोजन किया गया ।

        कार्यक्रम का शुभारम्भ कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. राजेश चन्द्र पाण्डेय, IQAC सेल की संयोजक डॉ. अलकारानी पुरवार, आइक्यूएसी के उपसंयोजक डॉ. विजय चौधरी,, मुख्य अनुशासन अधिकारी डॉ. गौरव यादव, मुख्य समारोह अधिकारी डॉ. राजेश पालीवाल आदि ने दीपप्रज्वालन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

       दीक्षारम्भ संस्कार का उद्देश्य नए विद्यार्थियों को महाविद्यालय के वैभवशाली इतिहास, कॉलेज के प्राध्यापकों, इकाइयों से परिचित कराना तथा विद्यार्थियों को परस्पर सामंजस्य बनाने एवं कॉलेज में सौहार्दपूर्ण वातावरण निर्मित करने का उद्देश्य रहा।

        इस अवसर पर कला संकाय के सभी 14 एवं विज्ञान संकाय के सभी 05 विभागों के प्रभारियों द्वारा अपने विभाग के इतिहास, वर्तमान प्राध्यापकों एवं उपलब्धियां से विद्यार्थियों को परिचित कराया।

        इस दौरान मुख्य अनुशासन अधिकारी डॉ. गौरव यादव के द्वारा कॉलेज में अनुशासन बनाने के लिये आचार संहिता प्रस्तुत की गई।

       अपने संदेश में कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. राजेश चन्द्र पाण्डेय ने सर्वप्रथम विद्यार्थियों को शिक्षा एवं दीक्षा का तात्पर्य बताया और कहा कि शिक्षा केवल विद्या ग्रहण करना है। परन्तु दीक्षा संस्कार उस शिक्षा से अधिक आवश्यक है क्योंकि दीक्षा हमें शिक्षा ग्रहण करने का योग्य पात्र बनाती है। जब तक दीक्षाशक्ति हमारे पास नहीं होगी तब तक हम अच्छी शिक्षा नहीं ग्रहण कर पाएंगे। इसीलिए आज यह ऐतिहासिक कार्य कॉलेज में प्रारम्भ किया गया।

          प्राचार्य ने विद्यार्थियों का ऋग्वेद एवं सामवेद के मन्त्रों से दीक्षारम्भ संस्कार कराया। इसके बाद दीक्षारम्भ की प्रतिज्ञा दिलाई जिसमें "सत्यं वद, धर्मं चर, स्वाध्यायान्मा प्रमदः", जैसे उपनिषद् के मन्त्रों के द्वारा "सत्य बोलना, धर्म का पालन करना एवं स्वाध्याय करने की प्रतिज्ञा कराई गई।

        कार्यक्रम का संचालन डॉ. माधुरी रावत एवं धन्यवाद ज्ञापन विज्ञान संकाय प्रभारी डॉ. रामकिशोर गुप्ता एवं कला एवं मानविकी संकाय प्रभारी डॉ. राजन भाटिया के द्वारा किया गया।

         इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षणेतर कर्मचारी तथा विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।


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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS