सतना के पिथौराबाद के अमृत सरोवर से जल-क्षमता बढ़ी

सतना के पिथौराबाद के अमृत सरोवर से जल-क्षमता बढ़ी  मछली-पालन और खेती में मिलेगी मदद  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देशभर में पंचायतों में अमृत सरोवर और पुष्कर सरोवर निर्माण की जो मुहिम चलाई थी, वह सतना जिले में साकार हो रही है। जिले में अमृत सरोवर निर्माण के लिये निर्धारित लक्ष्य के तहत 104 तालाबों का निर्माण पूरा किया जा चुका है।    जिले की जनपद पंचायत उचेहरा में ग्राम पंचायत पिथौराबाद में अमृत सरोवर तालाब तैयार किया गया है। सरोवर के बन जाने से क्षेत्र में जल संधारण क्षमता 28 हजार 500 घन मीटर तक बढ़ी है। सरोवर के निचले क्षेत्र में बसाहट होने से हेण्ड-पम्प और कुओं के जल-स्तर में सुधार हुआ है, जिससे पूरे साल जल-स्रोतों में पानी की उपलब्धता रहती है। इससे किसानों और मछुआरों को मछली-पालन और खेती में मदद मिल रही है।    अमृत सरोवर में कैचमेंट और ड्रेनेज लाइन का ट्रीटमेंट करते हुए पौध-रोपण का कार्य भी किया गया है। इससे मिट्टी के कटाव को रोका जा सकेगा। उचेहरा क्षेत्र के पहाड़ी अंचलों के नीचे बसे हुए क्षेत्र में हमेशा ही जल संकट का दौर बना रहता था। इसका उल्लेख पिथौराबाद के प्रसिद्ध बघेली कवि श्री बाबूलाल दाहिया अपनी कविताओं में भी करते रहे हैं। पहाड़ों के बीच इस अमृत सरोवर को ग्राम पंचायत पिथौराबाद ने प्रसिद्ध लोक कवि पद्मश्री श्री दाहिया की कविताओं के नाम समर्पित किया है।

सतना के पिथौराबाद के अमृत सरोवर से जल-क्षमता बढ़ी

मछली-पालन और खेती में मिलेगी मदद

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देशभर में पंचायतों में अमृत सरोवर और पुष्कर सरोवर निर्माण की जो मुहिम चलाई थी, वह सतना जिले में साकार हो रही है। जिले में अमृत सरोवर निर्माण के लिये निर्धारित लक्ष्य के तहत 104 तालाबों का निर्माण पूरा किया जा चुका है।


जिले की जनपद पंचायत उचेहरा में ग्राम पंचायत पिथौराबाद में अमृत सरोवर तालाब तैयार किया गया है। सरोवर के बन जाने से क्षेत्र में जल संधारण क्षमता 28 हजार 500 घन मीटर तक बढ़ी है। सरोवर के निचले क्षेत्र में बसाहट होने से हेण्ड-पम्प और कुओं के जल-स्तर में सुधार हुआ है, जिससे पूरे साल जल-स्रोतों में पानी की उपलब्धता रहती है। इससे किसानों और मछुआरों को मछली-पालन और खेती में मदद मिल रही है।


अमृत सरोवर में कैचमेंट और ड्रेनेज लाइन का ट्रीटमेंट करते हुए पौध-रोपण का कार्य भी किया गया है। इससे मिट्टी के कटाव को रोका जा सकेगा। उचेहरा क्षेत्र के पहाड़ी अंचलों के नीचे बसे हुए क्षेत्र में हमेशा ही जल संकट का दौर बना रहता था। इसका उल्लेख पिथौराबाद के प्रसिद्ध बघेली कवि श्री बाबूलाल दाहिया अपनी कविताओं में भी करते रहे हैं। पहाड़ों के बीच इस अमृत सरोवर को ग्राम पंचायत पिथौराबाद ने प्रसिद्ध लोक कवि पद्मश्री श्री दाहिया की कविताओं के नाम समर्पित किया है।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS