जालौन : लखनऊ विश्वविद्यालय की टीम ने आयुष्मान भारत योजना का किया सर्वे

लखनऊ विश्वविद्यालय की टीम ने आयुष्मान भारत योजना का किया सर्वे  चार दिवसीय दौरे पर जालौन आई है तीन सदस्यीय टीम, टीम ने की लाभार्थियों से बात  जालौन : आयुष्मान भारत योजना समेत स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का वास्तविक लाभ लाभार्थियों को मिल रहा है या नहीं। इसका जालौन समेत प्रदेश के आठ जनपदों में विशेष सर्वे किया जा रहा है। इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) सर्वे के लिए जालौन के अलावा कानपुर नगर, उन्नाव, महोबा, पीलीभीत, अमरोहा, संत रविदासनगर, बनारस जनपद  को चुना गया है। लखनऊ विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र विभाग की सहायक प्राध्यापक और परियोजना की मुख्य अनवेषक उर्वशी सिरोही के नेतृत्व में तीन सदस्यी टीम चार दिवसीय दौरे पर जालौन पहुंची है। टीम ने आयुष्मान योजना में चयनित अस्पतालों में जाकर डाटा एकत्रित किया और लाभार्थियों से बात की।    मुख्य  चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनडी शर्मा ने बताया कि निदेशक प्रशासन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उत्तर प्रदेश के द्वारा जनपद में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत शामिल सभी राजकीय व निजी चिकित्सालय में सर्वे के लिए निर्देश प्राप्त हुए थे। इसी क्रम में जनपद के पंजीकृत राजकीय मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, जिला महिला चिकित्सालय के सीएमएस के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व निजी चिकित्सालयों के प्रबंध निदेशक को फील्ड सर्वे एवं डाटा सहयोग करने के लिए निर्देशित कियागया। इसके अलावा इसमें सहयोग करने के लिए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अरविंद भूषण एवं आयुष्मान भारत योजना के जनपद के कार्यक्रम प्रभारी डॉ आशीष कुमार झा को नामित किया गया है। जो टीम के साथ भ्रमण करते हुए फील्ड सर्वे एवं डाटा संग्रहण में संबंधित टीम को सहयोग करेंगे।    डॉ आशीष कुमार झा ने बताया की इस परियोजना के मुख्य अन्वेषक उर्वशी सिरोही और उनकी टीम में शामिल एमएल यादव एवं जयंतकुमार को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सभी चिकित्सालयों की पूरी सूची देदी गई है। उन्हें प्रत्येक अस्पताल में भ्रमण करवाते हुए डाटा संग्रहण का कार्य करवाया जा रहा है। टीम ने पंजीकृत अस्पतालों में आईपीडी में भर्ती मरीजों से योजना के संबंध में पूछताछ भी की। योजना के अंतर्गत अस्पताल मेंदी जा रही सुविधाओं का भी सर्वेक्षण किया। कुछ लाभार्थियों ने बताया कि विवाह प्रमाणपत्र न होने के कारण उनका आयुष्मान कार्ड बनने में दिक्कत आ रही है। जबकि उनके पति व अन्य परिवारीजनों का आयुष्मान कार्ड बना है। डॉ आशीष ने बताया कि सर्वेक्षण का कार्य बुधवार 17 मई से शुरू हो चुका है। जो शनिवार तक जारी रहेगा।
लखनऊ विश्वविद्यालय की टीम ने आयुष्मान भारत योजना का किया सर्वे  चार दिवसीय दौरे पर जालौन आई है तीन सदस्यीय टीम, टीम ने की लाभार्थियों से बात  जालौन : आयुष्मान भारत योजना समेत स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का वास्तविक लाभ लाभार्थियों को मिल रहा है या नहीं। इसका जालौन समेत प्रदेश के आठ जनपदों में विशेष सर्वे किया जा रहा है। इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) सर्वे के लिए जालौन के अलावा कानपुर नगर, उन्नाव, महोबा, पीलीभीत, अमरोहा, संत रविदासनगर, बनारस जनपद  को चुना गया है। लखनऊ विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र विभाग की सहायक प्राध्यापक और परियोजना की मुख्य अनवेषक उर्वशी सिरोही के नेतृत्व में तीन सदस्यी टीम चार दिवसीय दौरे पर जालौन पहुंची है। टीम ने आयुष्मान योजना में चयनित अस्पतालों में जाकर डाटा एकत्रित किया और लाभार्थियों से बात की।    मुख्य  चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनडी शर्मा ने बताया कि निदेशक प्रशासन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उत्तर प्रदेश के द्वारा जनपद में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत शामिल सभी राजकीय व निजी चिकित्सालय में सर्वे के लिए निर्देश प्राप्त हुए थे। इसी क्रम में जनपद के पंजीकृत राजकीय मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, जिला महिला चिकित्सालय के सीएमएस के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व निजी चिकित्सालयों के प्रबंध निदेशक को फील्ड सर्वे एवं डाटा सहयोग करने के लिए निर्देशित कियागया। इसके अलावा इसमें सहयोग करने के लिए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अरविंद भूषण एवं आयुष्मान भारत योजना के जनपद के कार्यक्रम प्रभारी डॉ आशीष कुमार झा को नामित किया गया है। जो टीम के साथ भ्रमण करते हुए फील्ड सर्वे एवं डाटा संग्रहण में संबंधित टीम को सहयोग करेंगे।    डॉ आशीष कुमार झा ने बताया की इस परियोजना के मुख्य अन्वेषक उर्वशी सिरोही और उनकी टीम में शामिल एमएल यादव एवं जयंतकुमार को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सभी चिकित्सालयों की पूरी सूची देदी गई है। उन्हें प्रत्येक अस्पताल में भ्रमण करवाते हुए डाटा संग्रहण का कार्य करवाया जा रहा है। टीम ने पंजीकृत अस्पतालों में आईपीडी में भर्ती मरीजों से योजना के संबंध में पूछताछ भी की। योजना के अंतर्गत अस्पताल मेंदी जा रही सुविधाओं का भी सर्वेक्षण किया। कुछ लाभार्थियों ने बताया कि विवाह प्रमाणपत्र न होने के कारण उनका आयुष्मान कार्ड बनने में दिक्कत आ रही है। जबकि उनके पति व अन्य परिवारीजनों का आयुष्मान कार्ड बना है। डॉ आशीष ने बताया कि सर्वेक्षण का कार्य बुधवार 17 मई से शुरू हो चुका है। जो शनिवार तक जारी रहेगा।

लखनऊ विश्वविद्यालय की टीम ने आयुष्मान भारत योजना का किया सर्वे

चार दिवसीय दौरे पर जालौन आई है तीन सदस्यीय टीम, टीम ने की लाभार्थियों से बात

जालौन : आयुष्मान भारत योजना समेत स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का वास्तविक लाभ लाभार्थियों को मिल रहा है या नहीं। इसका जालौन समेत प्रदेश के आठ जनपदों में विशेष सर्वे किया जा रहा है। इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) सर्वे के लिए जालौन के अलावा कानपुर नगर, उन्नाव, महोबा, पीलीभीत, अमरोहा, संत रविदासनगर, बनारस जनपद  को चुना गया है। लखनऊ विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र विभाग की सहायक प्राध्यापक और परियोजना की मुख्य अनवेषक उर्वशी सिरोही के नेतृत्व में तीन सदस्यी टीम चार दिवसीय दौरे पर जालौन पहुंची है। टीम ने आयुष्मान योजना में चयनित अस्पतालों में जाकर डाटा एकत्रित किया और लाभार्थियों से बात की।


मुख्य  चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनडी शर्मा ने बताया कि निदेशक प्रशासन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उत्तर प्रदेश के द्वारा जनपद में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत शामिल सभी राजकीय व निजी चिकित्सालय में सर्वे के लिए निर्देश प्राप्त हुए थे। इसी क्रम में जनपद के पंजीकृत राजकीय मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, जिला महिला चिकित्सालय के सीएमएस के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व निजी चिकित्सालयों के प्रबंध निदेशक को फील्ड सर्वे एवं डाटा सहयोग करने के लिए निर्देशित कियागया। इसके अलावा इसमें सहयोग करने के लिए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अरविंद भूषण एवं आयुष्मान भारत योजना के जनपद के कार्यक्रम प्रभारी डॉ आशीष कुमार झा को नामित किया गया है। जो टीम के साथ भ्रमण करते हुए फील्ड सर्वे एवं डाटा संग्रहण में संबंधित टीम को सहयोग करेंगे।


डॉ आशीष कुमार झा ने बताया की इस परियोजना के मुख्य अन्वेषक उर्वशी सिरोही और उनकी टीम में शामिल एमएल यादव एवं जयंतकुमार को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सभी चिकित्सालयों की पूरी सूची देदी गई है। उन्हें प्रत्येक अस्पताल में भ्रमण करवाते हुए डाटा संग्रहण का कार्य करवाया जा रहा है। टीम ने पंजीकृत अस्पतालों में आईपीडी में भर्ती मरीजों से योजना के संबंध में पूछताछ भी की। योजना के अंतर्गत अस्पताल मेंदी जा रही सुविधाओं का भी सर्वेक्षण किया। कुछ लाभार्थियों ने बताया कि विवाह प्रमाणपत्र न होने के कारण उनका आयुष्मान कार्ड बनने में दिक्कत आ रही है। जबकि उनके पति व अन्य परिवारीजनों का आयुष्मान कार्ड बना है। डॉ आशीष ने बताया कि सर्वेक्षण का कार्य बुधवार 17 मई से शुरू हो चुका है। जो शनिवार तक जारी रहेगा।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS