गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा बन रहा महिलाओं की पसंद

गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा बन रहा महिलाओं की पसंद  जालौन : परिवार नियोजन का अस्थायी गर्भनिरोधक साधन अंतरा इंजेक्शन जिले में महिलाओं की पसंद बना हुआ है। जागरुकता बढ़ने के साथ ही इसका इस्तेमाल भी बढ़ गया है। बड़ी संख्या में महिलाएं गर्भनिरोधक के तौर पर इसका इस्तेमाल कर रही हैं। गर्भनिरोधक के रुप में इसका इस्तेमाल बढ़ने का कारण स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा चलाया जा रहा जागरूकता अभियान है। आशा और एएनएम लोगों को जागरुक कर परिवार नियोजन के लिए प्रेरित कर रही है।    अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण डॉ एसडी चौधरी बताते है कि गर्भनिरोधक अंतरा इंजेक्शन बहुत ही कारगर है। इस इंजेक्शन का असर तीन महीने तक रहता है। हर तीन महीने में इसे लगवाना चाहिए। जब तक दंपती परिवार नियोजन रखना चाहता है, तब तक इसका इस्तेमाल करना चाहिए। जब भी महिला दोबारा मां बनना चाहे तो उसे इसका प्रयोग बंद कर देना चाहिए। तब बच्चा प्लान कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ रही है। पिछले साल की मुकाबले इस साल ज्यादा लोगों ने अंतरा इंजेक्शन का उपयोग किया है। वर्ष 2021-22 में 7286 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन की डोजली थी। जबकि वर्ष 2022-23 में मार्च तक 10737 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन की डोज ली हैं।    अंतरा लगवाने में जालौन झांसी मंडल में अव्वल    परिवार कल्याण विशेषज्ञ बताते है कि वर्ष 2022-23 में जालौन जिले में अंतरा इंजेक्शन लगाने के मामले में झांसी मंडल में अव्वल है। झांसी जनपद में जहां 10031 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन लगवाया है तो ललितपुर में 5712 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन का प्रयोग किया है। जबकि जालौन जनपद में 10206 अंतरा इंजेक्शन लगवाया है।     ननद भाभी अंतरा इंजेक्शन लगवाकर अपना रही परिवार नियोजन    डकोर ब्लाक के औता निवासी मंदाकिनी ने बताया कि उनके दो बच्चे हैं| पति खेती किसानी करते हैं। वह गांव के उपकेंद्र पर परिवार नियोजन के बारे में सलाह लेने गई थी। वहां तैनात एएनएम ने उन्हें सलाह दी कि अंतरा इंजेक्शन से तीन महीने तक अनचाहे गर्भ से मुक्ति मिल जाती है। एएनएम की सलाह पर उन्होंने अंतरा इंजेक्शन लगवाना शुरू किया। अब तक चार बार इंजेक्शन लगवा चुकी है। उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई। यही नहीं उन्होंने अंतरा इंजेक्शन के बारे में अपने रिश्ते की ननद को भी बताया। उनके भी दो बच्चे हैं|मंदाकिनी की सलाह पर उनकी ननद ने भी अंतरा इंजेक्शन लगवाया। अब दोनों ननद भाभी अंतरा इंजेक्शन लगवाकर परिवार नियोजन अपना रही है।    इंजेक्शन लगवाने में नहीं हुई परेशानी    कालपी सीएचसी में अंतरा इंजेक्शन लगवाने आई लाभार्थी बबिता ने बताया कि वह चार बार अंतरा इंजेक्शन लगवा चुकी है। उसे किसी तरह की समस्या नहीं हो रही है। उसके पति सीएचसी में आउट सोर्सिंग पर तैनात है। यहां स्टाफ नर्स नीलम पाल के मार्गदर्शन पर वह इंजेक्शन लगवा रही है। स्टाफ नर्स ने बताया कि यहां पर हर महीने 10 से 12 महिलाएं अंतरा इंजेक्शन लगवाने आती है।    लाभार्थी की काउंसलिंग बहुत जरूरी-डॉ विशाल    अंतरा इंजेक्शन के ट्रेनर और सीएचसी कालपी में तैनात डॉ. विशाल सचान ने बताया कि अंतरा लगवाने के बाद कई बार महिलाएं माहवारी न आने की समस्या पर घबरा जाती है और अगला इंजेक्शन लगवाने में परहेज करती है। इस कारण उनके गर्भ ठहरने की संभावना रहती है। यदि ऐसी स्थिति में लाभार्थी महिला को उचित परामर्श मिलता है तो वह इन बदलावों के बावजूद अंतरा इंजेक्शन लगवा लेती है। उन्होंने बताया कि आशा और एएनएम की जिम्मेदारी है कि वह लाभार्थी  से मिलकर उसकी काउसंलिंग भी करती रहे। किसी तरह की समस्या होने पर विशेषज्ञ चिकित्सक के माध्यम से उसका निस्तारण कराए। उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन के साधनों के बारे में समय समय पर आशा और एएनएम आदि स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है।

गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा बन रहा महिलाओं की पसंद

जालौन : परिवार नियोजन का अस्थायी गर्भनिरोधक साधन अंतरा इंजेक्शन जिले में महिलाओं की पसंद बना हुआ है। जागरुकता बढ़ने के साथ ही इसका इस्तेमाल भी बढ़ गया है। बड़ी संख्या में महिलाएं गर्भनिरोधक के तौर पर इसका इस्तेमाल कर रही हैं। गर्भनिरोधक के रुप में इसका इस्तेमाल बढ़ने का कारण स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा चलाया जा रहा जागरूकता अभियान है। आशा और एएनएम लोगों को जागरुक कर परिवार नियोजन के लिए प्रेरित कर रही है।


अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण डॉ एसडी चौधरी बताते है कि गर्भनिरोधक अंतरा इंजेक्शन बहुत ही कारगर है। इस इंजेक्शन का असर तीन महीने तक रहता है। हर तीन महीने में इसे लगवाना चाहिए। जब तक दंपती परिवार नियोजन रखना चाहता है, तब तक इसका इस्तेमाल करना चाहिए। जब भी महिला दोबारा मां बनना चाहे तो उसे इसका प्रयोग बंद कर देना चाहिए। तब बच्चा प्लान कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ रही है। पिछले साल की मुकाबले इस साल ज्यादा लोगों ने अंतरा इंजेक्शन का उपयोग किया है। वर्ष 2021-22 में 7286 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन की डोजली थी। जबकि वर्ष 2022-23 में मार्च तक 10737 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन की डोज ली हैं।


अंतरा लगवाने में जालौन झांसी मंडल में अव्वल


परिवार कल्याण विशेषज्ञ बताते है कि वर्ष 2022-23 में जालौन जिले में अंतरा इंजेक्शन लगाने के मामले में झांसी मंडल में अव्वल है। झांसी जनपद में जहां 10031 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन लगवाया है तो ललितपुर में 5712 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन का प्रयोग किया है। जबकि जालौन जनपद में 10206 अंतरा इंजेक्शन लगवाया है। 


ननद भाभी अंतरा इंजेक्शन लगवाकर अपना रही परिवार नियोजन


डकोर ब्लाक के औता निवासी मंदाकिनी ने बताया कि उनके दो बच्चे हैं| पति खेती किसानी करते हैं। वह गांव के उपकेंद्र पर परिवार नियोजन के बारे में सलाह लेने गई थी। वहां तैनात एएनएम ने उन्हें सलाह दी कि अंतरा इंजेक्शन से तीन महीने तक अनचाहे गर्भ से मुक्ति मिल जाती है। एएनएम की सलाह पर उन्होंने अंतरा इंजेक्शन लगवाना शुरू किया। अब तक चार बार इंजेक्शन लगवा चुकी है। उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई। यही नहीं उन्होंने अंतरा इंजेक्शन के बारे में अपने रिश्ते की ननद को भी बताया। उनके भी दो बच्चे हैं|मंदाकिनी की सलाह पर उनकी ननद ने भी अंतरा इंजेक्शन लगवाया। अब दोनों ननद भाभी अंतरा इंजेक्शन लगवाकर परिवार नियोजन अपना रही है।


इंजेक्शन लगवाने में नहीं हुई परेशानी


कालपी सीएचसी में अंतरा इंजेक्शन लगवाने आई लाभार्थी बबिता ने बताया कि वह चार बार अंतरा इंजेक्शन लगवा चुकी है। उसे किसी तरह की समस्या नहीं हो रही है। उसके पति सीएचसी में आउट सोर्सिंग पर तैनात है। यहां स्टाफ नर्स नीलम पाल के मार्गदर्शन पर वह इंजेक्शन लगवा रही है। स्टाफ नर्स ने बताया कि यहां पर हर महीने 10 से 12 महिलाएं अंतरा इंजेक्शन लगवाने आती है।


लाभार्थी की काउंसलिंग बहुत जरूरी-डॉ विशाल


अंतरा इंजेक्शन के ट्रेनर और सीएचसी कालपी में तैनात डॉ. विशाल सचान ने बताया कि अंतरा लगवाने के बाद कई बार महिलाएं माहवारी न आने की समस्या पर घबरा जाती है और अगला इंजेक्शन लगवाने में परहेज करती है। इस कारण उनके गर्भ ठहरने की संभावना रहती है। यदि ऐसी स्थिति में लाभार्थी महिला को उचित परामर्श मिलता है तो वह इन बदलावों के बावजूद अंतरा इंजेक्शन लगवा लेती है। उन्होंने बताया कि आशा और एएनएम की जिम्मेदारी है कि वह लाभार्थी  से मिलकर उसकी काउसंलिंग भी करती रहे। किसी तरह की समस्या होने पर विशेषज्ञ चिकित्सक के माध्यम से उसका निस्तारण कराए। उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन के साधनों के बारे में समय समय पर आशा और एएनएम आदि स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS