MP : किसान गौरव सम्मेलन में जुटे प्रदेश के किसान

किसानों को आधुनिक कृषि का प्रशिक्षण दिलवाया जाएगा : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह

प्रदर्शनियों से मिलेगी किसानों को नवीनतम कृषि उपकरणों की जानकारी

किसान गौरव सम्मेलन में जुटे प्रदेश के किसान


मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में किसानों को आधुनिक कृषि का प्रशिक्षण दिलवाया जाएगा। विशेष प्रदर्शनियों से नवीनतम कृषि उपकरण और अद्यतन तकनीक से किसानों को अवगत करवाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों के कल्याण के अधिकतम कार्य कैसे किए जाएँ, इसके लिए निरंतर चिंतन चल रहा है। कृषक कल्याण प्राथमिकता है। इस कार्य में मुझे किसानों का सहयोग भी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिलों में ऐसी बड़ी प्रदर्शनियाँ भी लगाई जायेगी, जिनमें आधुनिकतम कृषि उपकरणों का प्रदर्शन होगा। इनके अवलोकन से किसान प्रशिक्षित होंगे और कृषि कार्य को आसान बना सकेंगे। किसान बंधु नई कृषि तकनीक की जानकारी लेकर ''आम के आम गुठलियों के दाम'' सिद्धांत पर अधिक लाभ प्राप्त कर सकेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज किसान गौरव सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन में प्रदेश के जिलों से आए किसान बंधुओं ने हिस्सा लिया।


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आधुनिक खेती का प्रशिक्षण भी किसानों को मिलना चाहिए। प्रदेश में प्राकृतिक कृषि को अपनाने में भी किसान रूचि व्यक्त कर रहे हैं। प्रदेश में किसानों से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता से लागू किया जा रहा है। इस सिलसिले में ऐसे कृषक परिवार, जिनके पास बाप-दादा के जमाने से एक या दो एकड़ राजस्व भूमि है और जिसमें वे कृषि कर रहे हैं तथा वे सामान्य एवं पिछड़ा वर्ग के हैं, उनके पुराने प्रकरण में पट्टा देने पर विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ट्रांसफार्मर के लिए अनुदान की योजना पूर्व सरकार ने बंद कर दी थी जिसे पुनः प्रारंभ किया जाएगा। मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना भी प्रारंभ होगी। इसके अलावा कपिलधारा योजना का प्रभावी क्रियान्वयन होगा। किसानों के सुझाव पर आगामी बजट में किसानों के लिए आवश्यक राशि के प्रावधान होंगे।


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों के हित के लिए मध्यप्रदेश में निरंतर कार्य किया गया है। अंग्रेज और नवाबों के शासन और पूर्व की सरकारों के प्रयासों को मिला कर वर्ष 2003 तक प्रदेश में सिर्फ 7 लाख 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में ही सिंचाई क्षमता विकसित हुई थी, वर्तमान में सिंचाई क्षमता बढ़ कर 45 लाख हेक्टेयर हो गई है। अब इसे 65 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने का लक्ष्य है। प्रदेश के प्रत्येक इलाके में सिंचाई योजनाएँ लागू हैं। सिंचाई क्षमता के विस्तार का कार्य लगातार किया जा रहा है।


प्रधानमंत्री किसान निधि के साथ मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना की राशि भी किसानों को दी जा रही है। उन्हें कार्यक्रम कर लाभान्वित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पूर्व सरकार ने ब्याज माफी की घोषणा की थी लेकिन किया कुछ नहीं। अब राज्य शासन ने कर्ज के ब्याज की राशि को माफ करने का निर्णय लिया है।


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों को योजनाओं का अधिकतम लाभ दिलवाना राज्य सरकार का लक्ष्य है। किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है। किसानों को समारोहपूर्वक राशि अंतरित की जाएगी। बिजली की सब्सिडी पर बड़ी राशि राज्य सरकार खर्च कर रही है। इसकी निरंतर मॉनीटरिंग की जाती है।


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसान बंधु भी योजनाओं के अमल में कहीं गड़बड़ हो तो उसकी जानकारी से अवगत करवाएँ। किसान सिंचाई योजनाओं को देखने जाएँ। यह देखें कि नहरों की मरम्मत हो रही है या नहीं। खेतों में टेल एंड तक पानी पहुँचे, यह हम सभी का कर्त्तव्य है। किसानों को पर्याप्त पानी मिले, इसे सुनिश्चित करें। प्रदेश के बांधों में पर्याप्त जल राशि मौजूद है। काफी बड़े बजट को खर्च कर योजनाएँ बन रही हैं। सिंचाई के लिए पाइप लाइनें बिछाई जा रही हैं। किसान बंधु क्षेत्र का भ्रमण कर सिंचाई संबंधी कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करें। सिंचाई से जुड़े निर्माणाधीन कार्यों पर निगाह रखें।


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसान बंधु राजस्व संबंधी समस्याओं को हल करने में भी सहयोग करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों से संबंधित कार्यों को हल करने के लिए आगामी वर्ष शिविर लगाए जाएंगे। किसान संगठनों के सदस्य, अधिकारी-कर्मचारियों की उपस्थिति में जिलों में शिविर प्रारंभ होने के बाद एक माह में सभी समस्याओं को हल करने का कार्य करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आह्वान किया कि शिविर प्रारंभ होने पर किसानों की भागीदारी से अभियान के तौर पर इस कार्य को किया जाएगा।


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शामिल खाता बँटवारा और नामांतरण आदि से संबंधित कार्यों को किसान संगठन के सदस्यों के सहयोग से प्राथमिकता से निपटाया जाए। किसान की टीम यह भी वर्कआउट करे कि ऐसे कौन से कार्य हैं जिन्हें तत्काल करना आवश्यक है।


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सेवा कार्य से कर्त्तव्य निर्वहन भी होता है और पुण्य भी मिलता है। दूसरों की जिंदगी बेहतर बना पाएँ तभी हमारा कर्त्तव्य पूरा होगा। ऐसी समस्याओं को बिना विलंब हल करने से किसान वर्ग को अधिक से अधिक फायदा दिलवाना और छोटी-मोटी परेशानियों से बचाना आसान हो जाता है।


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसान संगठन द्वारा जले ट्रांसफार्मर बदलने के कार्य में भी दायित्व निर्वहन किया जाए। संगठन के सदस्य इस दिशा में सजग रहें और ट्रांसफार्मर से जुड़ी व्यवस्थाओं को देखें। किसान संगठन तभी उपयोगी और प्रासंगिक हैं जब किसानों के हित में वे काम आएँ। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इससे बड़ी संतोष की कोई बात नहीं होती है कि हम दिल से लोगों की सेवा करें और किसान बंधुओं के चेहरे पर मुस्कुराहट लाने का कार्य करें। तभी हमारा जीवन सार्थक होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री जी और राज्य सरकार की योजनाएँ ढंग से लोगों तक पहुँचे। गड़बड़ी हो तो उसे दूर करने का प्रयास किया जाए।


किसान संगठन के अध्यक्ष श्री दर्शन सिंह ने कहा कि प्रदेश के किसान प्राकृतिक खेती के लिए आगे आ रहे हैं। गोपालन को महत्व दे रहे हैं। मध्यप्रदेश को 7 कृषि कर्मण अवार्ड मिले हैं। किसान संगठन मध्यप्रदेश की कृषि उपलब्धियों को बढ़ाने का कार्य करेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान किसानों के समर्थक हैं। जैत ग्राम के एक किसान को निरंतर मुख्यमंत्री के रूप में देख कर किसान हर्षित हैं। ग्राम चौपाल लगा कर किसान वर्ग की समस्याएँ हल करने का कार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सम्मेलन में किसान संगठन की वेबसाइट का लोकार्पण किया, जिसमें राज्य सरकार और केंद्र सरकार की कृषक कल्याण योजनाओं का विस्तृत उल्लेख है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गुलाब की पंखुड़ियों से आमंत्रित किसानों का स्वागत किया।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS