क्षय उन्मूलन अभियान के लिए जिले को मिलेगा कांस्य पदक

क्षय उन्मूलन अभियान के लिए जिले को मिलेगा कांस्य पदक  पूरे प्रदेश के चयनित दस जिलों में जालौन जिला भी शामिल, सीएमओ ने दी बधाई  जालौन : राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) में जिले ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जिले को कांस्य पदक के लिए नामित किया गया  है। कांस्य पदक के लिए पूरे प्रदेश में दस  जिले शामिल किए गए है। उनमें जालौन जिला भी शामिल है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनडी शर्मा ने इसके लिए क्षय रोग विभाग की टीम को बधाई दी है और क्षय उन्मूलन कार्यक्रम को सफल बनाने के निर्देश दिए हैं।    जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ देवेंद्र कुमार भिटौरिया ने बताया कि जिले में क्षय रोग (टीबी) उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम सक्रिय है। इस समय 2055 सरकारी और 452 प्राइवेट अस्पतालों में टीबी का इलाज कर रहे हैं। जिले में जिला क्षय रोग नियंत्रण इकाई के अलावा रामपुरा, कोंच, बाबई, नदीगांव, माधौगढ़, कदौरा, कुठौंद, डकोर, उरई और जालौन समेत दस टीबी यूनिट के माध्यम से क्षय रोगियों को इलाज की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। जिला मुख्यालय उरई के अलावा कोंच, जालौन, माधौगढ़, नदीगांव अस्पताल में ट्रूनेट के माध्यम से टीबी की जांच की जा रही है। निक्षय पोर्टल के माध्यम से हर माह क्षय रोगियों को पोषण राशि के रुप में पांच सौ रुपये भी दिए जा रहे हैं। 1177 मरीज विभिन्न सामाजिक संगठनों और अधिकारियों ने गोद लिए हैं।    उन्होंने बताया कि क्षय उन्मूलन के क्षेत्र में लगातार किए जा रहे काम को लेकर भारत सरकार के सब नेशनल सर्टिफिकेट (एसएनसी) के तहत बागपत, बाराबंकी, हापुड़, जालौन, ज्योतिवा फुले नगर, कौशांबी, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, संत रविदासनगर, शामली जिले को कांस्य पदक के लिए नामित किया गया है।   जिसमें प्रत्येक जिले को दो लाख रुपये का राशि पुरस्कार स्वरुप दी जाएगी। साथ ही प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुरस्कार से पहले भारत सरकार की एक टीम भी जिले का निरीक्षण करेगी और क्षय उन्मूलन कार्यक्रम की गतिविधियों की सच्चाई परखकर पुरस्कार के लिए संस्तुति करेगी। उनका कहना है कि जिले को पुरस्कार के लिए नामित होना एक बड़ी उपलब्धि है।

क्षय उन्मूलन अभियान के लिए जिले को मिलेगा कांस्य पदक

पूरे प्रदेश के चयनित दस जिलों में जालौन जिला भी शामिल, सीएमओ ने दी बधाई

जालौन : राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) में जिले ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जिले को कांस्य पदक के लिए नामित किया गया  है। कांस्य पदक के लिए पूरे प्रदेश में दस  जिले शामिल किए गए है। उनमें जालौन जिला भी शामिल है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनडी शर्मा ने इसके लिए क्षय रोग विभाग की टीम को बधाई दी है और क्षय उन्मूलन कार्यक्रम को सफल बनाने के निर्देश दिए हैं।


जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ देवेंद्र कुमार भिटौरिया ने बताया कि जिले में क्षय रोग (टीबी) उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम सक्रिय है। इस समय 2055 सरकारी और 452 प्राइवेट अस्पतालों में टीबी का इलाज कर रहे हैं। जिले में जिला क्षय रोग नियंत्रण इकाई के अलावा रामपुरा, कोंच, बाबई, नदीगांव, माधौगढ़, कदौरा, कुठौंद, डकोर, उरई और जालौन समेत दस टीबी यूनिट के माध्यम से क्षय रोगियों को इलाज की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। जिला मुख्यालय उरई के अलावा कोंच, जालौन, माधौगढ़, नदीगांव अस्पताल में ट्रूनेट के माध्यम से टीबी की जांच की जा रही है। निक्षय पोर्टल के माध्यम से हर माह क्षय रोगियों को पोषण राशि के रुप में पांच सौ रुपये भी दिए जा रहे हैं। 1177 मरीज विभिन्न सामाजिक संगठनों और अधिकारियों ने गोद लिए हैं।


उन्होंने बताया कि क्षय उन्मूलन के क्षेत्र में लगातार किए जा रहे काम को लेकर भारत सरकार के सब नेशनल सर्टिफिकेट (एसएनसी) के तहत बागपत, बाराबंकी, हापुड़, जालौन, ज्योतिवा फुले नगर, कौशांबी, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, संत रविदासनगर, शामली जिले को कांस्य पदक के लिए नामित किया गया है। 

जिसमें प्रत्येक जिले को दो लाख रुपये का राशि पुरस्कार स्वरुप दी जाएगी। साथ ही प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुरस्कार से पहले भारत सरकार की एक टीम भी जिले का निरीक्षण करेगी और क्षय उन्मूलन कार्यक्रम की गतिविधियों की सच्चाई परखकर पुरस्कार के लिए संस्तुति करेगी। उनका कहना है कि जिले को पुरस्कार के लिए नामित होना एक बड़ी उपलब्धि है।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS