स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पांच और खसरा संदिग्ध बच्चों के सैंपल भेजे

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पांच और खसरा संदिग्ध बच्चों के सैंपल भेजे  सैंपल लेने में स्वास्थ्य टीमों को करनी पड़ी मशक्कत, समझाने पर माने अभिभावक  जालौन : शहर के मोहल्ला उमरारखेरा की मलिन बस्ती में खसरा के पांच केस मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम पुलिस बल के साथ पहुंची। टीम ने पांच और संदिग्ध बच्चों के सैंपल लेकर जांच के लिए भिजवाए है। बच्चों के सैंपल लेने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को बहुत मशक्कत करनी पड़ी। दरअसल टीम को देखकर कई अभिभावकों ने अपने बच्चों को बक्सों में बंद कर दिया था। इस पर टीम ने परिजनों को समझाया तो उन्होंने बक्से से बच्चों को बाहर निकालकर उनकी जांच कराई।    उमरारखेरा पीएचसी के चिकित्साधिकारी डॉ. अभिलाष के नेतृत्व मेंस्वास्थ्य विभाग की टीम उमरारखेरा की मलिन बस्ती जांच के लिए गई। टीम में शहरी स्वास्थ्य कोर्डिनेटर संजीव कुमार चंदेरिया, डब्लूएचओ के मोनिटर सौरभ मिश्रा और एलटी विनय द्विवेदी शामिलर हे। टीम के साथ पुलिस बल भी मौजूद रहा। टीम ने मलिन बस्ती के बाशिंदों से लाल चकत्ते के लक्षण वाले बच्चों के बारे में जानकारी मांगी लेकिन उनके माता पिता जानकारी देने के लिए तैयार नहीं हुए। वह कई तरह की आनाकानी करने लगे। इस पर टीम के सदस्यों ने उन्हें समझाया। तब जाकर शिफा (2) पुत्री सनी, जैसवन (3) पुत्र भंवर, आराधना (3) रंजेश महावत, सना (1) राजेश, श्रुति (8) पुत्री करण के ब्लड सैंपल लिए गए। टीम ने लोगों को समझाया कि यह संक्रामक बीमारी है, एक दूसरे को फैलते है। यदि किसी को लाल चकत्ते हो रहे है तो इसकी जांच कराकर इलाज ले। टीम ने 43 बच्चों को विटामिन ए पिलाई। टीम को मलिन बस्ती के लोगों को समझाने में खासी मशक्कत करनीपड़ी।    जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. वीरेंद्र सिंह का कहना है कि उमरारखेरा की मलिन बस्ती में घुमंतू लोग रहते हैं। इनकी करीब चार सौ कीआबादी है। इनमें पिछले दिनों बुखार के साथ कुछ बच्चों को चकत्ते निकले थे। जांच में वह खसरा निकला। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीम भेजकर दोबारा पांच और संदिग्ध बच्चों की जांच कराई गई। स्वास्थ्य विभाग इस मामले मेंअलर्ट है और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुँचकर टीकाकरण के साथ जांच भी कर रही है।उन्होंने स्वीकार किया कि मलिन बस्ती में बच्चों की जांच करने में टीम को खासी परेशानी हुई लेकिन संभावित बच्चों की जांच करा दी गई। विभागीय टीम जब तक रोग पूरी तरह ठीक नहीं हो जाता है तब तक इस मामले में हर हफ्ते फालोअप भी करेगी।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पांच और खसरा संदिग्ध बच्चों के सैंपल भेजे  सैंपल लेने में स्वास्थ्य टीमों को करनी पड़ी मशक्कत, समझाने पर माने अभिभावक  जालौन : शहर के मोहल्ला उमरारखेरा की मलिन बस्ती में खसरा के पांच केस मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम पुलिस बल के साथ पहुंची। टीम ने पांच और संदिग्ध बच्चों के सैंपल लेकर जांच के लिए भिजवाए है। बच्चों के सैंपल लेने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को बहुत मशक्कत करनी पड़ी। दरअसल टीम को देखकर कई अभिभावकों ने अपने बच्चों को बक्सों में बंद कर दिया था। इस पर टीम ने परिजनों को समझाया तो उन्होंने बक्से से बच्चों को बाहर निकालकर उनकी जांच कराई।    उमरारखेरा पीएचसी के चिकित्साधिकारी डॉ. अभिलाष के नेतृत्व मेंस्वास्थ्य विभाग की टीम उमरारखेरा की मलिन बस्ती जांच के लिए गई। टीम में शहरी स्वास्थ्य कोर्डिनेटर संजीव कुमार चंदेरिया, डब्लूएचओ के मोनिटर सौरभ मिश्रा और एलटी विनय द्विवेदी शामिलर हे। टीम के साथ पुलिस बल भी मौजूद रहा। टीम ने मलिन बस्ती के बाशिंदों से लाल चकत्ते के लक्षण वाले बच्चों के बारे में जानकारी मांगी लेकिन उनके माता पिता जानकारी देने के लिए तैयार नहीं हुए। वह कई तरह की आनाकानी करने लगे। इस पर टीम के सदस्यों ने उन्हें समझाया। तब जाकर शिफा (2) पुत्री सनी, जैसवन (3) पुत्र भंवर, आराधना (3) रंजेश महावत, सना (1) राजेश, श्रुति (8) पुत्री करण के ब्लड सैंपल लिए गए। टीम ने लोगों को समझाया कि यह संक्रामक बीमारी है, एक दूसरे को फैलते है। यदि किसी को लाल चकत्ते हो रहे है तो इसकी जांच कराकर इलाज ले। टीम ने 43 बच्चों को विटामिन ए पिलाई। टीम को मलिन बस्ती के लोगों को समझाने में खासी मशक्कत करनीपड़ी।    जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. वीरेंद्र सिंह का कहना है कि उमरारखेरा की मलिन बस्ती में घुमंतू लोग रहते हैं। इनकी करीब चार सौ कीआबादी है। इनमें पिछले दिनों बुखार के साथ कुछ बच्चों को चकत्ते निकले थे। जांच में वह खसरा निकला। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीम भेजकर दोबारा पांच और संदिग्ध बच्चों की जांच कराई गई। स्वास्थ्य विभाग इस मामले मेंअलर्ट है और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुँचकर टीकाकरण के साथ जांच भी कर रही है।उन्होंने स्वीकार किया कि मलिन बस्ती में बच्चों की जांच करने में टीम को खासी परेशानी हुई लेकिन संभावित बच्चों की जांच करा दी गई। विभागीय टीम जब तक रोग पूरी तरह ठीक नहीं हो जाता है तब तक इस मामले में हर हफ्ते फालोअप भी करेगी।

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पांच और खसरा संदिग्ध बच्चों के सैंपल भेजे

सैंपल लेने में स्वास्थ्य टीमों को करनी पड़ी मशक्कत, समझाने पर माने अभिभावक

जालौन : शहर के मोहल्ला उमरारखेरा की मलिन बस्ती में खसरा के पांच केस मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम पुलिस बल के साथ पहुंची। टीम ने पांच और संदिग्ध बच्चों के सैंपल लेकर जांच के लिए भिजवाए है। बच्चों के सैंपल लेने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को बहुत मशक्कत करनी पड़ी। दरअसल टीम को देखकर कई अभिभावकों ने अपने बच्चों को बक्सों में बंद कर दिया था। इस पर टीम ने परिजनों को समझाया तो उन्होंने बक्से से बच्चों को बाहर निकालकर उनकी जांच कराई।


उमरारखेरा पीएचसी के चिकित्साधिकारी डॉ. अभिलाष के नेतृत्व मेंस्वास्थ्य विभाग की टीम उमरारखेरा की मलिन बस्ती जांच के लिए गई। टीम में शहरी स्वास्थ्य कोर्डिनेटर संजीव कुमार चंदेरिया, डब्लूएचओ के मोनिटर सौरभ मिश्रा और एलटी विनय द्विवेदी शामिलर हे। टीम के साथ पुलिस बल भी मौजूद रहा। टीम ने मलिन बस्ती के बाशिंदों से लाल चकत्ते के लक्षण वाले बच्चों के बारे में जानकारी मांगी लेकिन उनके माता पिता जानकारी देने के लिए तैयार नहीं हुए। वह कई तरह की आनाकानी करने लगे। इस पर टीम के सदस्यों ने उन्हें समझाया। तब जाकर शिफा (2) पुत्री सनी, जैसवन (3) पुत्र भंवर, आराधना (3) रंजेश महावत, सना (1) राजेश, श्रुति (8) पुत्री करण के ब्लड सैंपल लिए गए। टीम ने लोगों को समझाया कि यह संक्रामक बीमारी है, एक दूसरे को फैलते है। यदि किसी को लाल चकत्ते हो रहे है तो इसकी जांच कराकर इलाज ले। टीम ने 43 बच्चों को विटामिन ए पिलाई। टीम को मलिन बस्ती के लोगों को समझाने में खासी मशक्कत करनीपड़ी।


जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. वीरेंद्र सिंह का कहना है कि उमरारखेरा की मलिन बस्ती में घुमंतू लोग रहते हैं। इनकी करीब चार सौ कीआबादी है। इनमें पिछले दिनों बुखार के साथ कुछ बच्चों को चकत्ते निकले थे। जांच में वह खसरा निकला। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीम भेजकर दोबारा पांच और संदिग्ध बच्चों की जांच कराई गई। स्वास्थ्य विभाग इस मामले मेंअलर्ट है और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुँचकर टीकाकरण के साथ जांच भी कर रही है।उन्होंने स्वीकार किया कि मलिन बस्ती में बच्चों की जांच करने में टीम को खासी परेशानी हुई लेकिन संभावित बच्चों की जांच करा दी गई। विभागीय टीम जब तक रोग पूरी तरह ठीक नहीं हो जाता है तब तक इस मामले में हर हफ्ते फालोअप भी करेगी।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS