उरई : मलिन बस्ती में खसरा का केस मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने की जांच

मलिन बस्ती में खसरा का केस मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने की जांच  पांच बच्चे मिले पीड़ित, सभी स्वस्थ, विटामिन ए दी गई   जालौन : उरई के मोहल्ला उमरारखेरा की मलिन बस्ती में पांच खसरा के मामले सामने आए हैं। खसरा पीड़ित बच्चे मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की सर्विलांस यूनिट की मदद से स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पुलिस के सहयोग से मौके पर पहुंचकर पीड़ित बच्चों के घरों की जांच की और उनका टीकाकरण कराया। साथ ही विटामिन ए की दवा पिलाई गई। स्वास्थ्य टीम के मुताबिक बच्चों की हालत में सुधार है।    उमरारखेरा की मलिन बस्ती निवासी दो वर्षीय शिप्रा पुत्री सनी महावत और  चार वर्षीय समृद्धि पुत्री भोला महावत को बुखार के बाद शरीर में लाल दाने निकलने लगे। इस पर परिजन उन्हें मेडिकल कालेज ले गए। जहां जांच के दौरान उन्हें मीजल्स यानि खसरा होने की पुष्टि हुई। मेडिकल कालेज से आई सूचना के बाद सक्रिय हुई स्वास्थ्य विभाग की टीम जब जांच के लिए बस्ती पहुंची तो बस्ती के निवासियों ने स्वास्थ्य टीम का विरोध किया। इस पर उमरारखेरा पीएचसी के चिकित्साधिकारी डॉ. अभिलाष, एलटी विनय द्विवेदी, एएनएम विनीता, जिला समन्वयक  शहरी स्वास्थ्य संजीव चंदेरिया, पीएसआई इंडिया के शरद श्रीवास्तव और डब्लूएचओ को मानीटर सौरभ मिश्रा ने इसकी जानकारी जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. वीरेंद्र सिंह को दी। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने एसडीएम सदर को इसकी जानकारी देकर उनसे प्रशासनिक सहयोग मांगा।     इस पर एसडीएम ने दरोगा विनीत कुमार, कांस्टेबल दिलीप सिंह, लोकेश और होमगार्ड को टीम के साथ भेजा। तब जाकर टीम ने वहां जांच की तो दो साल के जैकी पुत्र चंदर, तीन साल के साहुल पुत्र जमुनाप्रसाद, तीन साल की जैसमन पुत्री राजू समेत तीन और बच्चे खसरा से पीड़ित मिले। इस पर टीम ने सभी के ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे। सभी को विटामिन ए की दवा पिलाई गई।    जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि खसरा एक संक्रामक रोग है। यह एक व्यक्ति से दूसरे में आसानी से फैल जाता है। खसरा होने पर पूरे शरीर में लाल चकत्ते उभर आते हैं। शुरुआत में यह दाने सिर में होते हैं। धीरे धीरे पूरे शरीर में फैल जाते है। इसमे प्रभावित बच्चे को बुखार कम करने वाली दवाएं, एंटीबायोटिक और विटामिन ए की खुराक आयु के अनुसार दी जाती है। यह दवाएं सभी सरकारी अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध है। किसी भी बच्चे को इस तरह के लक्षण आते है तो वह तत्काल नजदीकी अस्पताल में दिखाएं। पांच साल से कम आयु के बच्चे इससे ज्यादा प्रभावित होते है।      मीजल्स (खसरा) के लक्षण  •	सामान्य से तेज बुखार  •	सूखी खांसी होना  •	लगातार नाक बहना  •	गले में खरांस होना  •	आंखों में सूजन और लालिमा रहना    कारण  •	टीकाकरण न कराना  •	खसरा प्रभावित क्षेत्र की यात्रा करना  •	विटामिन ए की कमी होना  •	कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता का होना  •	खसरा पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आना
मलिन बस्ती में खसरा का केस मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने की जांच  पांच बच्चे मिले पीड़ित, सभी स्वस्थ, विटामिन ए दी गई   जालौन : उरई के मोहल्ला उमरारखेरा की मलिन बस्ती में पांच खसरा के मामले सामने आए हैं। खसरा पीड़ित बच्चे मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की सर्विलांस यूनिट की मदद से स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पुलिस के सहयोग से मौके पर पहुंचकर पीड़ित बच्चों के घरों की जांच की और उनका टीकाकरण कराया। साथ ही विटामिन ए की दवा पिलाई गई। स्वास्थ्य टीम के मुताबिक बच्चों की हालत में सुधार है।    उमरारखेरा की मलिन बस्ती निवासी दो वर्षीय शिप्रा पुत्री सनी महावत और  चार वर्षीय समृद्धि पुत्री भोला महावत को बुखार के बाद शरीर में लाल दाने निकलने लगे। इस पर परिजन उन्हें मेडिकल कालेज ले गए। जहां जांच के दौरान उन्हें मीजल्स यानि खसरा होने की पुष्टि हुई। मेडिकल कालेज से आई सूचना के बाद सक्रिय हुई स्वास्थ्य विभाग की टीम जब जांच के लिए बस्ती पहुंची तो बस्ती के निवासियों ने स्वास्थ्य टीम का विरोध किया। इस पर उमरारखेरा पीएचसी के चिकित्साधिकारी डॉ. अभिलाष, एलटी विनय द्विवेदी, एएनएम विनीता, जिला समन्वयक  शहरी स्वास्थ्य संजीव चंदेरिया, पीएसआई इंडिया के शरद श्रीवास्तव और डब्लूएचओ को मानीटर सौरभ मिश्रा ने इसकी जानकारी जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. वीरेंद्र सिंह को दी। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने एसडीएम सदर को इसकी जानकारी देकर उनसे प्रशासनिक सहयोग मांगा।     इस पर एसडीएम ने दरोगा विनीत कुमार, कांस्टेबल दिलीप सिंह, लोकेश और होमगार्ड को टीम के साथ भेजा। तब जाकर टीम ने वहां जांच की तो दो साल के जैकी पुत्र चंदर, तीन साल के साहुल पुत्र जमुनाप्रसाद, तीन साल की जैसमन पुत्री राजू समेत तीन और बच्चे खसरा से पीड़ित मिले। इस पर टीम ने सभी के ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे। सभी को विटामिन ए की दवा पिलाई गई।    जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि खसरा एक संक्रामक रोग है। यह एक व्यक्ति से दूसरे में आसानी से फैल जाता है। खसरा होने पर पूरे शरीर में लाल चकत्ते उभर आते हैं। शुरुआत में यह दाने सिर में होते हैं। धीरे धीरे पूरे शरीर में फैल जाते है। इसमे प्रभावित बच्चे को बुखार कम करने वाली दवाएं, एंटीबायोटिक और विटामिन ए की खुराक आयु के अनुसार दी जाती है। यह दवाएं सभी सरकारी अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध है। किसी भी बच्चे को इस तरह के लक्षण आते है तो वह तत्काल नजदीकी अस्पताल में दिखाएं। पांच साल से कम आयु के बच्चे इससे ज्यादा प्रभावित होते है।      मीजल्स (खसरा) के लक्षण  •	सामान्य से तेज बुखार  •	सूखी खांसी होना  •	लगातार नाक बहना  •	गले में खरांस होना  •	आंखों में सूजन और लालिमा रहना    कारण  •	टीकाकरण न कराना  •	खसरा प्रभावित क्षेत्र की यात्रा करना  •	विटामिन ए की कमी होना  •	कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता का होना  •	खसरा पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आना

मलिन बस्ती में खसरा का केस मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने की जांच

पांच बच्चे मिले पीड़ित, सभी स्वस्थ, विटामिन ए दी गई 

जालौन : उरई के मोहल्ला उमरारखेरा की मलिन बस्ती में पांच खसरा के मामले सामने आए हैं। खसरा पीड़ित बच्चे मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की सर्विलांस यूनिट की मदद से स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पुलिस के सहयोग से मौके पर पहुंचकर पीड़ित बच्चों के घरों की जांच की और उनका टीकाकरण कराया। साथ ही विटामिन ए की दवा पिलाई गई। स्वास्थ्य टीम के मुताबिक बच्चों की हालत में सुधार है।


उमरारखेरा की मलिन बस्ती निवासी दो वर्षीय शिप्रा पुत्री सनी महावत और  चार वर्षीय समृद्धि पुत्री भोला महावत को बुखार के बाद शरीर में लाल दाने निकलने लगे। इस पर परिजन उन्हें मेडिकल कालेज ले गए। जहां जांच के दौरान उन्हें मीजल्स यानि खसरा होने की पुष्टि हुई। मेडिकल कालेज से आई सूचना के बाद सक्रिय हुई स्वास्थ्य विभाग की टीम जब जांच के लिए बस्ती पहुंची तो बस्ती के निवासियों ने स्वास्थ्य टीम का विरोध किया। इस पर उमरारखेरा पीएचसी के चिकित्साधिकारी डॉ. अभिलाष, एलटी विनय द्विवेदी, एएनएम विनीता, जिला समन्वयक  शहरी स्वास्थ्य संजीव चंदेरिया, पीएसआई इंडिया के शरद श्रीवास्तव और डब्लूएचओ को मानीटर सौरभ मिश्रा ने इसकी जानकारी जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. वीरेंद्र सिंह को दी। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने एसडीएम सदर को इसकी जानकारी देकर उनसे प्रशासनिक सहयोग मांगा। 


इस पर एसडीएम ने दरोगा विनीत कुमार, कांस्टेबल दिलीप सिंह, लोकेश और होमगार्ड को टीम के साथ भेजा। तब जाकर टीम ने वहां जांच की तो दो साल के जैकी पुत्र चंदर, तीन साल के साहुल पुत्र जमुनाप्रसाद, तीन साल की जैसमन पुत्री राजू समेत तीन और बच्चे खसरा से पीड़ित मिले। इस पर टीम ने सभी के ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे। सभी को विटामिन ए की दवा पिलाई गई।


जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि खसरा एक संक्रामक रोग है। यह एक व्यक्ति से दूसरे में आसानी से फैल जाता है। खसरा होने पर पूरे शरीर में लाल चकत्ते उभर आते हैं। शुरुआत में यह दाने सिर में होते हैं। धीरे धीरे पूरे शरीर में फैल जाते है। इसमे प्रभावित बच्चे को बुखार कम करने वाली दवाएं, एंटीबायोटिक और विटामिन ए की खुराक आयु के अनुसार दी जाती है। यह दवाएं सभी सरकारी अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध है। किसी भी बच्चे को इस तरह के लक्षण आते है तो वह तत्काल नजदीकी अस्पताल में दिखाएं। पांच साल से कम आयु के बच्चे इससे ज्यादा प्रभावित होते है।



मीजल्स (खसरा) के लक्षण

सामान्य से तेज बुखार

सूखी खांसी होना

लगातार नाक बहना

गले में खरांस होना

आंखों में सूजन और लालिमा रहना


कारण

टीकाकरण न कराना

खसरा प्रभावित क्षेत्र की यात्रा करना

विटामिन ए की कमी होना

कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता का होना

खसरा पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आना

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS