जालौन : बालक-बालिका प्रतिस्पर्धा में सुपोषित बच्चें हुए पुरस्कृत

जालौन : बालक-बालिका प्रतिस्पर्धा में सुपोषित बच्चें हुए पुरस्कृत  जालौन : राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत रविवार को आयोजित की गई स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा में चयनित 22 बालक बालिकाओं कोसमारोह में सम्मानित किया गया। जिले भर के 1815 आंगनबाड़ी केंद्रों पर इस तरह के आयोजन किए गए।  बाल विकास परियोजना कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला कार्यक्रम अधिकारी इफ्तेखार अहमद ने कहा कि कुषोपित बच्चों के लिए सरकार कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है। परंतु  यह कार्यक्रम सुपोषित बच्चों के लिए आयोजित किया गया है। इस स्पर्धा में जिन बच्चों ने भाग लिया और कुपोषित से सुपोषित की श्रेणी में आए हैं। ऐसे बच्चे और उनके अभिभावक का कार्य सराहनीय है। हर परिवार की जिम्मेदारी है कि वह बच्चा और धात्री के स्वास्थ्य का खासा ख्याल रखे। उन्होंने आंगनबाड़ी और सहायिकाओं से कहा कि वह अपने क्षेत्र में ऐसे बच्चों को चिह्नित करें और उन्हें विभाग की सेवाओं का लाभ दिलाए।    जिला प्रोबेशन अधिकारी डा. अमरेंद्र कुमार पौत्स्यायन ने कहा कि बच्चे के साथ साथ माता के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। शासन की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों पर हर महीने पोषाहार का वितरण होता है, इसका लाभ लिया जा सकता है। इसके अलावा रसोई में भी कई ऐसी चीजें उपलब्ध होती है। वह व पोषक होती है, उनका भी उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने सहजनऔर हरी सब्जियों का प्रयोग ज्यादा करने पर जोर दिया।   बाल विकास परियोजना अधिकारी शहरी क्षेत्र विमलेश आर्या ने कहा कि हर मां, बच्चे और किशोरियों के स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही है। छह साल तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में भेजकर उन्हें बुनियादी शिक्षा दिलाई जा सकती है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नियमित स्कूल पूर्व शिक्षा पर विशेष जोर दें ताकि बच्चों का मानसिक, बौद्धिक, शारीरिक विकास तेजी से हो। इस समारोह में आंगनबाड़ी कार्यकरता और सहायिकाएं भी मौजूद रहीं।    अपने अपने वार्ड में इन बच्चों ने जीती स्पर्धा  समारोह में शहरी आंगनबाड़ी केंद्रों में आयोजित की गई स्पर्धा में दिव्यांश, मयंक, सिद्धार्थ, कुलसुफ, शिफा, हसनैन, सुमित, नूर खान, युवराज, लकी प्रजापति, सोहन, पूर्वी, आरुषी, अनादिल, चिराग, कुंजबिहारी, दिव्यांशी, नकुल, काव्या, गुलनाज को स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा में सम्मानित किया गया। इन बालक बालिका ने अपने अपने क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रथम स्थान पाया है।     कुपोषित से सुपोषित की श्रेणी में पहुंच गया दो साल का प्रथम  राजेंद्रनगर के 12 नंबर वार्ड के आंगनबाड़ी केंद्र के अंतर्गत दो वर्षीय बालक प्रथम कुपोषित था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नीलम सोनी ने बच्चे को कुपोषित पाकर इसकी जानकारी अधिकारियों को दी। इस पर सीडीपीओ विमलेश आर्या और डा. जितेंद्र कुमार बच्चे के घर गए और उसके परिजनों को समझाया और उसे पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया। जहां उसकी हालत में सुधार हुआ है और वह कुपोषित से सुपोषित की श्रेणी में आ गया है।

जालौन : बालक-बालिका प्रतिस्पर्धा में सुपोषित बच्चें हुए पुरस्कृत  जालौन : राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत रविवार को आयोजित की गई स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा में चयनित 22 बालक बालिकाओं कोसमारोह में सम्मानित किया गया। जिले भर के 1815 आंगनबाड़ी केंद्रों पर इस तरह के आयोजन किए गए।  बाल विकास परियोजना कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला कार्यक्रम अधिकारी इफ्तेखार अहमद ने कहा कि कुषोपित बच्चों के लिए सरकार कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है। परंतु  यह कार्यक्रम सुपोषित बच्चों के लिए आयोजित किया गया है। इस स्पर्धा में जिन बच्चों ने भाग लिया और कुपोषित से सुपोषित की श्रेणी में आए हैं। ऐसे बच्चे और उनके अभिभावक का कार्य सराहनीय है। हर परिवार की जिम्मेदारी है कि वह बच्चा और धात्री के स्वास्थ्य का खासा ख्याल रखे। उन्होंने आंगनबाड़ी और सहायिकाओं से कहा कि वह अपने क्षेत्र में ऐसे बच्चों को चिह्नित करें और उन्हें विभाग की सेवाओं का लाभ दिलाए।    जिला प्रोबेशन अधिकारी डा. अमरेंद्र कुमार पौत्स्यायन ने कहा कि बच्चे के साथ साथ माता के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। शासन की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों पर हर महीने पोषाहार का वितरण होता है, इसका लाभ लिया जा सकता है। इसके अलावा रसोई में भी कई ऐसी चीजें उपलब्ध होती है। वह व पोषक होती है, उनका भी उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने सहजनऔर हरी सब्जियों का प्रयोग ज्यादा करने पर जोर दिया।   बाल विकास परियोजना अधिकारी शहरी क्षेत्र विमलेश आर्या ने कहा कि हर मां, बच्चे और किशोरियों के स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही है। छह साल तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में भेजकर उन्हें बुनियादी शिक्षा दिलाई जा सकती है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नियमित स्कूल पूर्व शिक्षा पर विशेष जोर दें ताकि बच्चों का मानसिक, बौद्धिक, शारीरिक विकास तेजी से हो। इस समारोह में आंगनबाड़ी कार्यकरता और सहायिकाएं भी मौजूद रहीं।    अपने अपने वार्ड में इन बच्चों ने जीती स्पर्धा  समारोह में शहरी आंगनबाड़ी केंद्रों में आयोजित की गई स्पर्धा में दिव्यांश, मयंक, सिद्धार्थ, कुलसुफ, शिफा, हसनैन, सुमित, नूर खान, युवराज, लकी प्रजापति, सोहन, पूर्वी, आरुषी, अनादिल, चिराग, कुंजबिहारी, दिव्यांशी, नकुल, काव्या, गुलनाज को स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा में सम्मानित किया गया। इन बालक बालिका ने अपने अपने क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रथम स्थान पाया है।     कुपोषित से सुपोषित की श्रेणी में पहुंच गया दो साल का प्रथम  राजेंद्रनगर के 12 नंबर वार्ड के आंगनबाड़ी केंद्र के अंतर्गत दो वर्षीय बालक प्रथम कुपोषित था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नीलम सोनी ने बच्चे को कुपोषित पाकर इसकी जानकारी अधिकारियों को दी। इस पर सीडीपीओ विमलेश आर्या और डा. जितेंद्र कुमार बच्चे के घर गए और उसके परिजनों को समझाया और उसे पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया। जहां उसकी हालत में सुधार हुआ है और वह कुपोषित से सुपोषित की श्रेणी में आ गया है।

जालौन : बालक-बालिका प्रतिस्पर्धा में सुपोषित बच्चें हुए पुरस्कृत  जालौन : राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत रविवार को आयोजित की गई स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा में चयनित 22 बालक बालिकाओं कोसमारोह में सम्मानित किया गया। जिले भर के 1815 आंगनबाड़ी केंद्रों पर इस तरह के आयोजन किए गए।  बाल विकास परियोजना कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला कार्यक्रम अधिकारी इफ्तेखार अहमद ने कहा कि कुषोपित बच्चों के लिए सरकार कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है। परंतु  यह कार्यक्रम सुपोषित बच्चों के लिए आयोजित किया गया है। इस स्पर्धा में जिन बच्चों ने भाग लिया और कुपोषित से सुपोषित की श्रेणी में आए हैं। ऐसे बच्चे और उनके अभिभावक का कार्य सराहनीय है। हर परिवार की जिम्मेदारी है कि वह बच्चा और धात्री के स्वास्थ्य का खासा ख्याल रखे। उन्होंने आंगनबाड़ी और सहायिकाओं से कहा कि वह अपने क्षेत्र में ऐसे बच्चों को चिह्नित करें और उन्हें विभाग की सेवाओं का लाभ दिलाए।    जिला प्रोबेशन अधिकारी डा. अमरेंद्र कुमार पौत्स्यायन ने कहा कि बच्चे के साथ साथ माता के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। शासन की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों पर हर महीने पोषाहार का वितरण होता है, इसका लाभ लिया जा सकता है। इसके अलावा रसोई में भी कई ऐसी चीजें उपलब्ध होती है। वह व पोषक होती है, उनका भी उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने सहजनऔर हरी सब्जियों का प्रयोग ज्यादा करने पर जोर दिया।   बाल विकास परियोजना अधिकारी शहरी क्षेत्र विमलेश आर्या ने कहा कि हर मां, बच्चे और किशोरियों के स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही है। छह साल तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में भेजकर उन्हें बुनियादी शिक्षा दिलाई जा सकती है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नियमित स्कूल पूर्व शिक्षा पर विशेष जोर दें ताकि बच्चों का मानसिक, बौद्धिक, शारीरिक विकास तेजी से हो। इस समारोह में आंगनबाड़ी कार्यकरता और सहायिकाएं भी मौजूद रहीं।    अपने अपने वार्ड में इन बच्चों ने जीती स्पर्धा  समारोह में शहरी आंगनबाड़ी केंद्रों में आयोजित की गई स्पर्धा में दिव्यांश, मयंक, सिद्धार्थ, कुलसुफ, शिफा, हसनैन, सुमित, नूर खान, युवराज, लकी प्रजापति, सोहन, पूर्वी, आरुषी, अनादिल, चिराग, कुंजबिहारी, दिव्यांशी, नकुल, काव्या, गुलनाज को स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा में सम्मानित किया गया। इन बालक बालिका ने अपने अपने क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रथम स्थान पाया है।     कुपोषित से सुपोषित की श्रेणी में पहुंच गया दो साल का प्रथम  राजेंद्रनगर के 12 नंबर वार्ड के आंगनबाड़ी केंद्र के अंतर्गत दो वर्षीय बालक प्रथम कुपोषित था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नीलम सोनी ने बच्चे को कुपोषित पाकर इसकी जानकारी अधिकारियों को दी। इस पर सीडीपीओ विमलेश आर्या और डा. जितेंद्र कुमार बच्चे के घर गए और उसके परिजनों को समझाया और उसे पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया। जहां उसकी हालत में सुधार हुआ है और वह कुपोषित से सुपोषित की श्रेणी में आ गया है।

जालौन : बालक-बालिका प्रतिस्पर्धा में सुपोषित बच्चें हुए पुरस्कृत

जालौन : राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत रविवार को आयोजित की गई स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा में चयनित 22 बालक बालिकाओं कोसमारोह में सम्मानित किया गया। जिले भर के 1815 आंगनबाड़ी केंद्रों पर इस तरह के आयोजन किए गए।

बाल विकास परियोजना कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला कार्यक्रम अधिकारी इफ्तेखार अहमद ने कहा कि कुषोपित बच्चों के लिए सरकार कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है। परंतु  यह कार्यक्रम सुपोषित बच्चों के लिए आयोजित किया गया है। इस स्पर्धा में जिन बच्चों ने भाग लिया और कुपोषित से सुपोषित की श्रेणी में आए हैं। ऐसे बच्चे और उनके अभिभावक का कार्य सराहनीय है। हर परिवार की जिम्मेदारी है कि वह बच्चा और धात्री के स्वास्थ्य का खासा ख्याल रखे। उन्होंने आंगनबाड़ी और सहायिकाओं से कहा कि वह अपने क्षेत्र में ऐसे बच्चों को चिह्नित करें और उन्हें विभाग की सेवाओं का लाभ दिलाए।


जिला प्रोबेशन अधिकारी डा. अमरेंद्र कुमार पौत्स्यायन ने कहा कि बच्चे के साथ साथ माता के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। शासन की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों पर हर महीने पोषाहार का वितरण होता है, इसका लाभ लिया जा सकता है। इसके अलावा रसोई में भी कई ऐसी चीजें उपलब्ध होती है। वह व पोषक होती है, उनका भी उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने सहजनऔर हरी सब्जियों का प्रयोग ज्यादा करने पर जोर दिया। 

बाल विकास परियोजना अधिकारी शहरी क्षेत्र विमलेश आर्या ने कहा कि हर मां, बच्चे और किशोरियों के स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही है। छह साल तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में भेजकर उन्हें बुनियादी शिक्षा दिलाई जा सकती है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नियमित स्कूल पूर्व शिक्षा पर विशेष जोर दें ताकि बच्चों का मानसिक, बौद्धिक, शारीरिक विकास तेजी से हो। इस समारोह में आंगनबाड़ी कार्यकरता और सहायिकाएं भी मौजूद रहीं।


अपने अपने वार्ड में इन बच्चों ने जीती स्पर्धा

समारोह में शहरी आंगनबाड़ी केंद्रों में आयोजित की गई स्पर्धा में दिव्यांश, मयंक, सिद्धार्थ, कुलसुफ, शिफा, हसनैन, सुमित, नूर खान, युवराज, लकी प्रजापति, सोहन, पूर्वी, आरुषी, अनादिल, चिराग, कुंजबिहारी, दिव्यांशी, नकुल, काव्या, गुलनाज को स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा में सम्मानित किया गया। इन बालक बालिका ने अपने अपने क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रथम स्थान पाया है।

 

कुपोषित से सुपोषित की श्रेणी में पहुंच गया दो साल का प्रथम

राजेंद्रनगर के 12 नंबर वार्ड के आंगनबाड़ी केंद्र के अंतर्गत दो वर्षीय बालक प्रथम कुपोषित था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नीलम सोनी ने बच्चे को कुपोषित पाकर इसकी जानकारी अधिकारियों को दी। इस पर सीडीपीओ विमलेश आर्या और डा. जितेंद्र कुमार बच्चे के घर गए और उसके परिजनों को समझाया और उसे पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया। जहां उसकी हालत में सुधार हुआ है और वह कुपोषित से सुपोषित की श्रेणी में आ गया है।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS