इस्पात मंत्रालय के "स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव" मनाते हुए एनएमडीसी ने इस्पात की खपत बढ़ाने पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया

इस्पात मंत्रालय के 'स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव' मनाते हुए एनएमडीसी ने इस्पात की खपत बढ़ाने पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया


इस्पात मंत्रालय के आजादी का अमृत महोत्सव आईकॉनिक सप्ताह मनाते हुए एनएमडीसी ने आज हैदराबाद में अपने प्रधान कार्यालय में इस्पात की खपत में वृद्धि' पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया। प्रमुख खनन संगठन ने लौह और इस्पात उद्योग में अग्रणी स्थान रखने वाले व्यक्तित्वों श्री पी मधुसूदन, पूर्व सीएमडी, आरआईएनएल; श्री योगेश दारुका, साझेदार, पीडब्ल्यूसी; और श्री राजीब मैत्रा, निदेशक, डेलॉयट को पैनल के सदस्यों के रूप में आमंत्रित किया । एनएमडीसी के वरिष्ठ प्रबंध-तंत्र - निदेशक (वित्त) श्री अमिताभ मुखर्जी और सीवीओ श्री बी विश्वनाथ (आईआरएसएस) ने एनएमडीसी कर्मचारियों को तकनीकी टॉक शो के दौरान भाग लेने और संवाद करने के लिए प्रोत्साहित किया।


श्री अमिताभ मुखर्जी ने कहा, “इस संगोष्ठी का विषय -इस्पात की खपत में वृद्धि - हमारे देश की विकास आकांक्षाओं का परिचायक है।“ कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, "भारत में लौह अयस्क के सबसे बड़े उत्पादक के रूप में हमें अपने देश के विकास की आवश्यकताओं के अनुरूप अपने उत्पादन में वृद्धि करना चाहिए और इस्पात की खपत को बढ़ावा देना चाहिए।“


मुख्य वक्ता के रूप में, श्री पी मधुसूदन ने “ग्रामीण अर्थव्यवस्था में इस्पात की खपत बढ़ाने” पर जोर दिया। उन्होंने भारत के ग्रामीण परिवेश में इस्पात के प्रयोग को बढाने के लिए स्मार्ट विलेज और उन्नत कृषि प्रणाली जैसी पारिस्थितिकी प्रणालियों के निर्माण की सिफारिश की। 


श्री योगेश दारूका ने समाज में खनन उद्योग की स्थिति और ब्रांड को “दोहन वाले उद्योग से विकास उद्योग में बदलने की आवश्यकता" के बारे में बात की। उन्होंने आगे कहा कि यह तब संभव है जब देश की खनन कंपनियां ईएसजी को दोगुना कर दें। उनके साथ आए पीडब्ल्यूसी के निदेशक श्री प्रवीण मिश्रा ने लौह और इस्पात परिदृश्य पर प्रकाश डाला और नई इस्पात नीति के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रमुख क्षेत्रों - "अनुसंधान और विकास में निवेश, ईएसजी के लिए वित्त पोषण, उपभोग के संबंध में नीतियां और कौशल विकास" पर बल दिया।


श्री राजीब मैत्रा ने अपने सत्र में कहा, " आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में इस्पात एक अभिन्न तत्व है।“ उन्होंने 


ग्रामीण क्षेत्र में इस्पात के उपभोग में वृद्धि का भी समर्थन किया और कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आवास और बुनियादी ढांचे के विकास पर भारत सरकार की नीतियों से हमारे देश में इस्पात की खपत को बढ़ावा मिलेगा।


छत्तीसगढ़ में किरंदुल और बचेली, कर्नाटक में दोणिमलै और मध्य प्रदेश में पन्ना में एनएमडीसी परियोजनाओं ने टाउनशिप और आस-पास के गांवों में 'इस्पात की खपत बढ़ाने' पर वार्ता का आयोजन किया, जिसमें 400 प्रतिभागी शामिल हुए। इस्पात मंत्रालय 4 जुलाई से 10 जुलाई, 2022 तक आजादी के अमृत महोत्सव का आईकॉनिक सप्ताह मना रहा है। एनएमडीसी ने इस्पात की खपत को प्रोत्साहित करने के लिए सप्ताह भर के जागरूकता कार्यक्रमों और अभियानों की शुरुआत की है।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS