जालौन : ट्रेन में बीमार बच्चे की मदद को समय पर पहुंची चाइल्ड लाइन

जालौन : ट्रेन में बीमार बच्चे की मदद को समय पर पहुंची चाइल्ड लाइन  समय पर दवा मिलने पर बच्चे के अभिभावक ने दी चाइल्ड लाइन को दुआ  जालौन : चाइल्ड लाइन की टीम  लगातार बच्चों की मदद में जुटी है। गांव, शहर के अलावा ट्रेनों में भी मदद पहुंचा रही है। बुधवार को ट्रेन में एक मासूम के बीमार होने की सूचना जब चाइल्ड लाइन के हेल्प लाइन नंबर पर पहुंची तो उरई मुख्यालय की चाइल्ड लाइन  टीम ने स्टेशन पहुंचकर बच्चे को दवा मुहैया कराई। दवा मिलने पर बच्चे के अभिभावकों ने चाइल्ड लाइन की टीम को धन्यवाद दिया।  मुंबई से प्रतापगढ़ जाने वाली ट्रेन नंबर 12173 उद्योगनगरी एक्सप्रेस में प्रतापगढ़ निवासी शिव प्रताप अपनी पत्नी सोना देवी और तीन वर्षीय बेटे यश के साथ अपने गांव प्रतापगढ़ जा रहे थे। जब ट्रेन झांसी से कानपुर की ओर रवाना हुई तो अचानक उनके बेटे यश को उल्टियां होने लगी। यह देखकर पति पत्नी घबरा गए। उन्हें कोई रास्ता नहीं दिखाई  दिया तो ट्रेन में  चाइल्ड लाइन का हेल्प लाइन नंबर 1098 दिखाई दिया तो उन्होंने हेल्प लाइन नंबर पर संपर्क किया। हेल्प लाइन से जालौन के चाइल्ड लाइन के जिला कोआर्डिनेटर शिवमंगल सिंह को सूचना दी। शिवमंगल ने बच्चें के पिता शिवप्रताप से बात की और उनके हालचाल लिए। इसके बाद चाइल्ड लाइन की टीम ने जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डा. एसपी सिंह को बच्चे के हालचाल के बारे में बताकर उनसे दवा ली और दवा लेकर शिवमंगल, चाइल्ड लाइन की काउंसलरक स्वाति वर्मा व बलवान सिंह के साथ स्टेशन पहुंचे। वहां ट्रेन के कोच नंबर 12 की सीट नंबर 53 पर यात्रा कर शिवप्रताप के पास पहुंचे। उनके साथ आरपीएफ दरोगा देशराज भी कोच में पहुंचे और उन्होंने बच्चे को दवा खिलवाई। दवा मिलने पर यश के अभिभावकों ने चाइल्ड लाइन की टीम को समय से दवा देने के लिए दुआ दी। चाइल्ड लाइन की टीम कोआर्डिनेटर शिवमंगल सिंह ने बताया कि चाइल्ड लाइन 18 साल तक के बच्चों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहती है। अकेले, बीमार, गुम हुए बच्चों की मदद करती है। साथ ही ऐसे बच्चे जिनका किसी तरह पर उत्पीड़न हो रहा हो या जबरिया श्रम कराया जा रहा है तो उनकी भी मदद करती है। बाल विवाह को रोकने का भी काम करती है। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2021 से अब तक ट्रेन व स्टेशन पर 12 बच्चों की मदद की है। इसमें दस बच्चे गुम हो गए थे। जिन्हें उनके अभिभावकों तक पहुंचाया। इसके अलावा एक बच्चे को दूध की व्यवस्था की तो एक बच्चे को दवा मुहैया कराई।

जालौन : ट्रेन में बीमार बच्चे की मदद को समय पर पहुंची चाइल्ड लाइन

समय पर दवा मिलने पर बच्चे के अभिभावक ने दी चाइल्ड लाइन को दुआ

जालौन : चाइल्ड लाइन की टीम  लगातार बच्चों की मदद में जुटी है। गांव, शहर के अलावा ट्रेनों में भी मदद पहुंचा रही है। बुधवार को ट्रेन में एक मासूम के बीमार होने की सूचना जब चाइल्ड लाइन के हेल्प लाइन नंबर पर पहुंची तो उरई मुख्यालय की चाइल्ड लाइन  टीम ने स्टेशन पहुंचकर बच्चे को दवा मुहैया कराई। दवा मिलने पर बच्चे के अभिभावकों ने चाइल्ड लाइन की टीम को धन्यवाद दिया।

मुंबई से प्रतापगढ़ जाने वाली ट्रेन नंबर 12173 उद्योगनगरी एक्सप्रेस में प्रतापगढ़ निवासी शिव प्रताप अपनी पत्नी सोना देवी और तीन वर्षीय बेटे यश के साथ अपने गांव प्रतापगढ़ जा रहे थे। जब ट्रेन झांसी से कानपुर की ओर रवाना हुई तो अचानक उनके बेटे यश को उल्टियां होने लगी। यह देखकर पति पत्नी घबरा गए। उन्हें कोई रास्ता नहीं दिखाई  दिया तो ट्रेन में  चाइल्ड लाइन का हेल्प लाइन नंबर 1098 दिखाई दिया तो उन्होंने हेल्प लाइन नंबर पर संपर्क किया। हेल्प लाइन से जालौन के चाइल्ड लाइन के जिला कोआर्डिनेटर शिवमंगल सिंह को सूचना दी। शिवमंगल ने बच्चें के पिता शिवप्रताप से बात की और उनके हालचाल लिए। इसके बाद चाइल्ड लाइन की टीम ने जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डा. एसपी सिंह को बच्चे के हालचाल के बारे में बताकर उनसे दवा ली और दवा लेकर शिवमंगल, चाइल्ड लाइन की काउंसलरक स्वाति वर्मा व बलवान सिंह के साथ स्टेशन पहुंचे। वहां ट्रेन के कोच नंबर 12 की सीट नंबर 53 पर यात्रा कर शिवप्रताप के पास पहुंचे। उनके साथ आरपीएफ दरोगा देशराज भी कोच में पहुंचे और उन्होंने बच्चे को दवा खिलवाई। दवा मिलने पर यश के अभिभावकों ने चाइल्ड लाइन की टीम को समय से दवा देने के लिए दुआ दी। चाइल्ड लाइन की टीम कोआर्डिनेटर शिवमंगल सिंह ने बताया कि चाइल्ड लाइन 18 साल तक के बच्चों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहती है। अकेले, बीमार, गुम हुए बच्चों की मदद करती है। साथ ही ऐसे बच्चे जिनका किसी तरह पर उत्पीड़न हो रहा हो या जबरिया श्रम कराया जा रहा है तो उनकी भी मदद करती है। बाल विवाह को रोकने का भी काम करती है। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2021 से अब तक ट्रेन व स्टेशन पर 12 बच्चों की मदद की है। इसमें दस बच्चे गुम हो गए थे। जिन्हें उनके अभिभावकों तक पहुंचाया। इसके अलावा एक बच्चे को दूध की व्यवस्था की तो एक बच्चे को दवा मुहैया कराई।
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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS