टॉप्स से जुड़ी एथलीट और साई एनसीओई की प्रशिक्षु बिंद्यारानी का अपने पहले राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार प्रदर्शन

टॉप्स से जुड़ी एथलीट और साई एनसीओई की प्रशिक्षु बिंद्यारानी का अपने पहले राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार प्रदर्शन


भारोत्तोलक बिंद्यारानी देवी ने राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं के 55 किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक जीता। उन्होंने कुल 202 किलोग्राम (86 किलोग्राम + 116 किलोग्राम) वजन उठाए।


एक दशक से भी कम समय पहले मणिपुर की बिंद्यारानी देवी ने अपने गृहनगर इम्फाल में भारोत्तोलन शुरू किया था। इस खेल को अपनाने के तीन साल से भी कम समय में उन्हें इम्फाल स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (एनसीओई) में प्रशिक्षण के लिए चुन लिया गया और वहां से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।


एनसीओई इंफाल में तीन साल के निरंतर प्रशिक्षण एवं कड़ी मेहनत के बाद, उन्हें वर्ष 2019 में साई के पटियाला क्षेत्रीय केंद्र में भारतीय राष्ट्रीय शिविर के लिए चुना गया।


उन्होंने राष्ट्रमंडल सीनियर चैंपियनशिप 2019 में स्वर्ण पदक, वर्ष 2021 में इसी स्पर्धा में रजत पदक सहित कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की है। लेकिन उन्हें सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि 30 जुलाई की रात को हासिल हुई जब उन्होंने बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेलों में 55 किलोग्राम भार वर्ग की स्पर्धा में रजत पदक जीता।


यह सुनिश्चित करने के लिए कि हमारे राष्ट्रमंडल चैंपियन राष्ट्रमंडल खेलों के लिए अच्छी तरह से तैयार हों, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय (एमवाईएएस) ने साई के तहत अपने प्रशिक्षण एवं प्रतियोगिता के लिए वार्षिक कैलेंडर (एसीटीसी) योजना के माध्यम से कुल 25,63,336 रुपये का वित्त पोषण प्रदान किया। इस योजना ने अन्य भारोत्तोलकों के साथ बिंद्यारानी को भी राष्ट्रमंडल खेलों से एक महीना पहले बर्मिंघम भेजा ताकि वे इस बड़ी स्पर्धा से पहले वहां के  वातावरण के साथ तालमेल बिठा सकें। बिंद्यारानी टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम के विकास समूह का भी हिस्सा हैं, जो उन्हें 25,000 रुपये के मासिक भत्ते के साथ-साथ अपने प्रशिक्षण के लिए व्यक्तिगत सहायता प्राप्त करने की अनुमति देता है।   

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS