जालौन : अति गंभीर कुपोषित बच्चों को रेफर करेंगे सीएचओ व एएनएम

अति गंभीर कुपोषित बच्चों को रेफर करेंगे  सीएचओ व एएनएम  यूनीसेफ के सहयोग से सैम, मैम एवम मातृ पोषण का हुआ ब्लाक स्तरीय प्रशिक्षण   जालौन : जिले के बाबई और छिरिया सलेमपुर स्वास्थ्य केन्द्र में यूनीसेफ के सहयोग से सैम, मैम एवं मातृ पोषण के संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी(सीएचओ) व एएनएम का ब्लाक स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में कुपोषित बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य पर फोकस किया गया। इस दौरान ई कवच पर किए जाने वाले सैम बच्चों का रजिस्ट्रेशन एवं डाटा एंट्री की प्रक्रिया को समझाया गया,साथ ही अति गंभीर कुपोषित बच्चों को सीएचओ व एएनएम द्वारा रेफर किए जाने के संबंध में जानकारी दी गई।   प्रशिक्षण में सैम-मैम एवं अति कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य जाँच, प्रबन्धन एवं गर्भवती महिलाओं के पोषण प्रबन्धन सम्बन्धित विशेष सेवाओं को प्रदान करने के संबंध में अवगत कराया गया। झांसी से आए यूनीसेफ के मंडलीय पोषण सलाहकार रजनीश गुप्ता ने सैम,मैम बच्चों के प्रबंधन व उपचार एवं सीएचसी व एनआरसी पर रेफर किए जाने के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जालौन जिले में 553 सैम बच्चे हैं। इन बच्चों के पोषण व उन्हे कैसे स्वस्थ रखना है, इस पर विस्तार से चर्चा की एवम ई कवच पर किए जाने वाले सैम बच्चों के रजिस्ट्रेशन एवं डाटा एंट्री की प्रक्रिया से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि इस तरह का पहला प्रशिक्षण जालौन जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नदीगांव में सोमवार को आयोजित किया गया। आज मंगलवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बाबई एवं छिरिया सलेमपुर में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के बाद सब सेंटर व हेल्थ वैलनेस सेंटर पर कुपोषित बच्चों के उपचार पर फोकस रहेगा।   प्रशिक्षण में  डॉक्टर आरके राजपूत, डा. अमित कुमार, बीसीपीएम अनिल कुमार, बीपीएम पंकज कुमार, आईसीडीएस के कंचन सिंह व सरोज देवी के अलावा एएनएम और सीएचओ की उपस्थिति रही।

अति गंभीर कुपोषित बच्चों को रेफर करेंगे  सीएचओ व एएनएम

यूनीसेफ के सहयोग से सैम, मैम एवम मातृ पोषण का हुआ ब्लाक स्तरीय प्रशिक्षण 

जालौन : जिले के बाबई और छिरिया सलेमपुर स्वास्थ्य केन्द्र में यूनीसेफ के सहयोग से सैम, मैम एवं मातृ पोषण के संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी(सीएचओ) व एएनएम का ब्लाक स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में कुपोषित बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य पर फोकस किया गया। इस दौरान ई कवच पर किए जाने वाले सैम बच्चों का रजिस्ट्रेशन एवं डाटा एंट्री की प्रक्रिया को समझाया गया,साथ ही अति गंभीर कुपोषित बच्चों को सीएचओ व एएनएम द्वारा रेफर किए जाने के संबंध में जानकारी दी गई। 

प्रशिक्षण में सैम-मैम एवं अति कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य जाँच, प्रबन्धन एवं गर्भवती महिलाओं के पोषण प्रबन्धन सम्बन्धित विशेष सेवाओं को प्रदान करने के संबंध में अवगत कराया गया। झांसी से आए यूनीसेफ के मंडलीय पोषण सलाहकार रजनीश गुप्ता ने सैम,मैम बच्चों के प्रबंधन व उपचार एवं सीएचसी व एनआरसी पर रेफर किए जाने के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जालौन जिले में 553 सैम बच्चे हैं। इन बच्चों के पोषण व उन्हे कैसे स्वस्थ रखना है, इस पर विस्तार से चर्चा की एवम ई कवच पर किए जाने वाले सैम बच्चों के रजिस्ट्रेशन एवं डाटा एंट्री की प्रक्रिया से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि इस तरह का पहला प्रशिक्षण जालौन जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नदीगांव में सोमवार को आयोजित किया गया। आज मंगलवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बाबई एवं छिरिया सलेमपुर में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के बाद सब सेंटर व हेल्थ वैलनेस सेंटर पर कुपोषित बच्चों के उपचार पर फोकस रहेगा। 

प्रशिक्षण में  डॉक्टर आरके राजपूत, डा. अमित कुमार, बीसीपीएम अनिल कुमार, बीपीएम पंकज कुमार, आईसीडीएस के कंचन सिंह व सरोज देवी के अलावा एएनएम और सीएचओ की उपस्थिति रही।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS