प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आवास पर डेफलिम्पिक्स दल की मेजबानी की
भारतीय डेफलिम्पिक्स दल ने अब तक के सबसे ज्यादा पदकों की जीत के साथ इतिहास रचा है
"जब एक दिव्यांग एथलीट अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करता है, तो यह उपलब्धि, खेल उपलब्धि से भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है"
“देश की सकारात्मक छवि के निर्माण में आपका योगदान अन्य खिलाड़ियों से कई गुना अधिक है”
“अपना जुनून और उत्साह बनाए रखें; यह जुनून हमारे देश की प्रगति के नए द्वार खोलेगा”
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने आवास पर हाल ही में आयोजित डेफलिम्पिक्स खेलों में भाग लेने वाले भारतीय दल की मेजबानी की और दल के सदस्यों के साथ बातचीत की। अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में, भारतीय दल ने ब्राजील में आयोजित डेफलिम्पिक्स में 8 स्वर्ण पदक सहित कुल 16 पदक जीते हैं। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री, श्री अनुराग सिंह ठाकुर और श्री निसिथ प्रमाणिक भी उपस्थित थे।
इस दल के वरिष्ठ सदस्य रोहित भाकर के साथ बातचीत करते हुए, प्रधानमंत्री ने चुनौतियों से निपटने और अपने विरोधियों का आकलन करने के उनके तरीके पर चर्चा की। रोहित ने प्रधानमंत्री को अपनी पृष्ठभूमि और खेलों में आने की प्रेरणा तथा उच्चतम स्तर पर इतने लंबे समय तक बने रहने के बारे में भी बताया। प्रधानमंत्री ने अग्रणी बैडमिंटन खिलाड़ी से कहा कि एक व्यक्ति और खिलाड़ी के रूप में उनका जीवन प्रेरणादायक है। उन्होंने दृढ़ता और जीवन की बाधाओं के आगे न झुकने के लिए भी रोहित की सराहना की। श्री मोदी ने खिलाड़ी में निरंतर उत्साह और बढ़ती उम्र के साथ उसके बेहतर होते प्रदर्शन को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने कहा, “प्रशंसा पर संतुष्ट नहीं होना और हमेशा आगे बढ़ने की इच्छा एक खिलाड़ी के प्रमुख गुण होते हैं। एक खिलाड़ी हमेशा उच्च लक्ष्य निर्धारित करता है और उन्हें प्राप्त करने का प्रयास करता है।”
पहलवान वीरेंद्र सिंह ने कुश्ती में अपने परिवार की विरासत के बारे में बताया। उन्होंने बधिर समुदाय में अवसर और प्रतिस्पर्धा ढूंढने के प्रति अपनी संतुष्टि के बारे में भी बताया। प्रधानमंत्री ने 2005 के बाद से लगातार पदक जीतने के उनके प्रदर्शन को रेखांकित किया और बेहतर प्रदर्शन करते रहने की उनकी इच्छा की सराहना की। प्रधानमंत्री ने एक अनुभवी खिलाड़ी और खेल को उत्सुक होकर सीखने वाले के रूप में उनके प्रयास की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा, “आपकी इच्छा शक्ति सभी को प्रेरित करती है। देश के युवा और खिलाड़ी दोनों ही आपकी निरंतरता के गुण से सीख ले सकते हैं। शीर्ष पर पहुंचना कठिन है, लेकिन उससे भी अधिक कठिन है, वहां बने रहना और सुधार के लिए प्रयास करते रहना।“
निशानेबाज धनुष ने उत्कृष्टता सुनिश्चित करने के लिए अपने निरंतर प्रयासों पर फोकस कर पाने का श्रेय अपने परिवार की ओर से मिल रहे भरपूर सहयोग को भी दिया। उन्होंने यह भी बताया कि आखिरकार किस तरह से योग और ध्यान या साधना से उन्हें अपने प्रदर्शन में काफी मदद मिली है। उन्होंने बताया कि वह अपनी मां को अपना आदर्श या रोल मॉडल मानते हैं। प्रधानमंत्री ने उन्हें व्यापक सहयोग देने के लिए उनकी मां और उनके परिवार की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने खुशी व्यक्त की कि ‘खेलो इंडिया’ से जमीनी स्तर पर एथलीटों या खिलाड़ियों को काफी मदद मिल रही है।
निशानेबाज प्रियेशा देशमुख ने अपने अब तक के खेल सफर, परिवार की ओर से मिल रहे व्यापक सहयोग और कोच अंजलि भागवत के बारे में बताया। प्रधानमंत्री ने प्रियेशा देशमुख की सफलता में अहम भूमिका निभाने के लिए अंजलि भागवत की सराहना की। श्री मोदी ने पुणेकर प्रियेशा की सटीक हिंदी का भी उल्लेख किया।
टेनिस खिलाड़ी जाफरीन शेख ने भी अपने पिता और अपने परिवार की ओर से मिल रहे व्यापक सहयोग की चर्चा की। उन्होंने प्रधानमंत्री से संवाद करने पर अत्यंत खुशी जाहिर की। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह देश की बेटियों के उत्कृष्ट कौशल और क्षमता का पर्याय होने के साथ-साथ वह युवा लड़कियों के लिए एक आदर्श या रोल मॉडल भी हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, “आपने यह साबित कर दिखाया है कि भारत की बेटी यदि किसी भी लक्ष्य पर अपनी नजरें जमाए तो कोई भी बाधा उन्हें रोक नहीं सकती है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि आप सभी की उपलब्धियां अत्यंत उत्कृष्ट हैं और आप सभी का जज्बा भविष्य में आप सभी को अत्यधिक गौरव मिलने का संकेत देता है। प्रधानमंत्री ने कहा, “इस जुनून और जोश को निरंतर बनाए रखें। यह जज्बा हमारे देश के विकास के नए रास्ते खोलेगा और उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करेगा।” प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जब कोई दिव्यांग अंतरराष्ट्रीय खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करता है, तो उनकी यह उपलब्धि खेल जगत से परे भी गूंजती है। यह देश की संस्कृति को दर्शाता है और इसके साथ ही यह उनकी उत्कृष्ट क्षमताओं के प्रति समस्त देशवासियों की संवेदनशीलता, भावनाओं और सम्मान को भी दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यही कारण है कि “सकारात्मक छवि बनाने में आपका योगदान अन्य खिलाड़ियों की तुलना में कई गुना अधिक है।”
इस संवाद के बाद प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “मैं अपने चैंपियनों के साथ अपने संवाद को कभी नहीं भूलूंगा जिन्होंने डेफलिम्पिक्स में भारत का गौरव और मान बढ़ाया है। इन सभी खिलाड़ियों ने अपने-अपने अनुभव साझा किए और मैं उनके जोश एवं दृढ़ संकल्प को महसूस कर सकता था। आप सभी को मेरी शुभकामनाएं।” प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि “हमारे चैंपियनों के उत्कृष्ट प्रदर्शन की बदौलत इस बार का डेफलिम्पिक्स भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ रहा है!”