जालौन : तंबाकू उत्पादों के लती लोगों की बढ़ती संख्या चिंताजनक

तंबाकू उत्पादों के प्रयोग करने वालों को जागरूकता के माध्यम से रोका जा सकता है  तंबाकू उत्पादों के लती लोगों की बढ़ती संख्या चिंताजनक  सरस्वती विद्या मंदिर में हुआ जागरुकता कार्यक्रम, प्रतियोगिता के विजेता छात्र पुरस्कृत    जालौन : राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण जागरूकता अभियान के अंतर्गत शनिवार को सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज उरई में तंबाकू जागरुकता को लेकर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। बाद में विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया। इस आयोजन में समाजसेवी संस्था अनुरागिनी ने भी सहयोग किया।    राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अंतर्गत 15 मई से 15 जून तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में जागरूकता गोष्ठी एवं प्रतियोगिता का  आयोजित किया गया। प्रधानाचार्य यजुवेंद्र शर्मा ने बताया कि तंबाकू के लती लोगों की संख्या दिन ब दिन बढ़ रही है लोग जान रहे है कि तंबाकू नुकसानदेह है और इससे कैंसर समेत कई गंभीर बीमारियां हो सकती है। इसके  बावजूद तंबाकू और ध्रूमपान सेवन करने वालों की बढ़ती संख्या चिंताजनक है। इसे जागरूकता के माध्यम से ही रोका जा सकता है। उन्होंने बच्चों को शपथ दिलाई कि वह अपने घरवालों और जानने वालों को तंबाकू और ध्रूमपान सेवन न करने के बारे में जागरूक करेंगे।     तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की जनपदीय सलाहकार तृप्ति यादव ने बताया कि तंबाकू सार्वजनिक स्वास्थ्य में सबसे बड़े खतरे के रूप में सामने आ रहा है। दुनिया भर में बड़ी संख्या में लोगों की मौत का कारण तंबाकू उत्पादों का किसी न किसी रुप में प्रयोग करना है। सरकार लोगों को तंबाकू उत्पादों के खिलाफ जागरूकता के लिए अभियान चला रही है। इस बार की थीम तंबाकू हमारे पर्यावरण के लिए खतरा है। जिले में भी तंबाकू नियंत्रण की टीम इस अभियान में जुटी है। इस साल अब तक 12 लोगों पर सार्वजनिक स्थल पर ध्रूमपान करने पर जुर्माना लगाया जा चुका है।   काउंसलर महेश कुमार ने बताया कि तंबाकू छोड़ने के लिए दो चीजें महत्वपूर्ण होती है। पहली व्यक्ति की इच्छा शक्ति और दूसरी संगत होती है। सबसे पहले खुद तय करना होगा कि उन्हें तंबाकू की लत छोड़नी होगी। यदि कोई तंबाकू उत्पादों का सेवन छोड़़ना चाहता है तो जिला अस्पताल के कमरा नंबर 14 में संपर्क कर सकते हैं।    इस दौरान बच्चों ने तंबाकू के ख़िलाफ़ पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें छात्र-छात्राओं तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकसान को चित्रों के माध्यम से बताया। अच्छा चित्र बनाने वालों को  पहले स्थान पर अंकुश राठौर, दूसरे स्थान पर अक्षिता गुप्ता और तीसरे स्थान पर हेमू रहे। जिन्हें शील्ड और प्रमाणपत्र देकर पुरस्कृत किया गया। इस दौरान जिला मानसिक स्वास्थ्य इकाई की टीम के मनो चिकित्सक अर्चना विश्वास, दिनेश सिंह ने भी जागरुक किया। शिक्षिका नरेंद्र कुमारी, प्रियंका सिंह, मुक्ता मिश्रा, शिप्रा आदि ने अपने संबोधन में कार्यक्रम को सराहनीय बताया और ऐसे जागरूकता कार्यक्रम करने पर जोर दिया।
तंबाकू उत्पादों के प्रयोग करने वालों को जागरूकता के माध्यम से रोका जा सकता है  तंबाकू उत्पादों के लती लोगों की बढ़ती संख्या चिंताजनक  सरस्वती विद्या मंदिर में हुआ जागरुकता कार्यक्रम, प्रतियोगिता के विजेता छात्र पुरस्कृत    जालौन : राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण जागरूकता अभियान के अंतर्गत शनिवार को सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज उरई में तंबाकू जागरुकता को लेकर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। बाद में विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया। इस आयोजन में समाजसेवी संस्था अनुरागिनी ने भी सहयोग किया।    राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अंतर्गत 15 मई से 15 जून तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में जागरूकता गोष्ठी एवं प्रतियोगिता का  आयोजित किया गया। प्रधानाचार्य यजुवेंद्र शर्मा ने बताया कि तंबाकू के लती लोगों की संख्या दिन ब दिन बढ़ रही है लोग जान रहे है कि तंबाकू नुकसानदेह है और इससे कैंसर समेत कई गंभीर बीमारियां हो सकती है। इसके  बावजूद तंबाकू और ध्रूमपान सेवन करने वालों की बढ़ती संख्या चिंताजनक है। इसे जागरूकता के माध्यम से ही रोका जा सकता है। उन्होंने बच्चों को शपथ दिलाई कि वह अपने घरवालों और जानने वालों को तंबाकू और ध्रूमपान सेवन न करने के बारे में जागरूक करेंगे।     तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की जनपदीय सलाहकार तृप्ति यादव ने बताया कि तंबाकू सार्वजनिक स्वास्थ्य में सबसे बड़े खतरे के रूप में सामने आ रहा है। दुनिया भर में बड़ी संख्या में लोगों की मौत का कारण तंबाकू उत्पादों का किसी न किसी रुप में प्रयोग करना है। सरकार लोगों को तंबाकू उत्पादों के खिलाफ जागरूकता के लिए अभियान चला रही है। इस बार की थीम तंबाकू हमारे पर्यावरण के लिए खतरा है। जिले में भी तंबाकू नियंत्रण की टीम इस अभियान में जुटी है। इस साल अब तक 12 लोगों पर सार्वजनिक स्थल पर ध्रूमपान करने पर जुर्माना लगाया जा चुका है।   काउंसलर महेश कुमार ने बताया कि तंबाकू छोड़ने के लिए दो चीजें महत्वपूर्ण होती है। पहली व्यक्ति की इच्छा शक्ति और दूसरी संगत होती है। सबसे पहले खुद तय करना होगा कि उन्हें तंबाकू की लत छोड़नी होगी। यदि कोई तंबाकू उत्पादों का सेवन छोड़़ना चाहता है तो जिला अस्पताल के कमरा नंबर 14 में संपर्क कर सकते हैं।    इस दौरान बच्चों ने तंबाकू के ख़िलाफ़ पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें छात्र-छात्राओं तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकसान को चित्रों के माध्यम से बताया। अच्छा चित्र बनाने वालों को  पहले स्थान पर अंकुश राठौर, दूसरे स्थान पर अक्षिता गुप्ता और तीसरे स्थान पर हेमू रहे। जिन्हें शील्ड और प्रमाणपत्र देकर पुरस्कृत किया गया। इस दौरान जिला मानसिक स्वास्थ्य इकाई की टीम के मनो चिकित्सक अर्चना विश्वास, दिनेश सिंह ने भी जागरुक किया। शिक्षिका नरेंद्र कुमारी, प्रियंका सिंह, मुक्ता मिश्रा, शिप्रा आदि ने अपने संबोधन में कार्यक्रम को सराहनीय बताया और ऐसे जागरूकता कार्यक्रम करने पर जोर दिया।

तंबाकू उत्पादों के प्रयोग करने वालों को जागरूकता के माध्यम से रोका जा सकता है

तंबाकू उत्पादों के लती लोगों की बढ़ती संख्या चिंताजनक

सरस्वती विद्या मंदिर में हुआ जागरुकता कार्यक्रम, प्रतियोगिता के विजेता छात्र पुरस्कृत


जालौन : राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण जागरूकता अभियान के अंतर्गत शनिवार को सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज उरई में तंबाकू जागरुकता को लेकर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। बाद में विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया। इस आयोजन में समाजसेवी संस्था अनुरागिनी ने भी सहयोग किया।


राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अंतर्गत 15 मई से 15 जून तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में जागरूकता गोष्ठी एवं प्रतियोगिता का  आयोजित किया गया। प्रधानाचार्य यजुवेंद्र शर्मा ने बताया कि तंबाकू के लती लोगों की संख्या दिन ब दिन बढ़ रही है लोग जान रहे है कि तंबाकू नुकसानदेह है और इससे कैंसर समेत कई गंभीर बीमारियां हो सकती है। इसके  बावजूद तंबाकू और ध्रूमपान सेवन करने वालों की बढ़ती संख्या चिंताजनक है। इसे जागरूकता के माध्यम से ही रोका जा सकता है। उन्होंने बच्चों को शपथ दिलाई कि वह अपने घरवालों और जानने वालों को तंबाकू और ध्रूमपान सेवन न करने के बारे में जागरूक करेंगे। 


तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की जनपदीय सलाहकार तृप्ति यादव ने बताया कि तंबाकू सार्वजनिक स्वास्थ्य में सबसे बड़े खतरे के रूप में सामने आ रहा है। दुनिया भर में बड़ी संख्या में लोगों की मौत का कारण तंबाकू उत्पादों का किसी न किसी रुप में प्रयोग करना है। सरकार लोगों को तंबाकू उत्पादों के खिलाफ जागरूकता के लिए अभियान चला रही है। इस बार की थीम तंबाकू हमारे पर्यावरण के लिए खतरा है। जिले में भी तंबाकू नियंत्रण की टीम इस अभियान में जुटी है। इस साल अब तक 12 लोगों पर सार्वजनिक स्थल पर ध्रूमपान करने पर जुर्माना लगाया जा चुका है। 

काउंसलर महेश कुमार ने बताया कि तंबाकू छोड़ने के लिए दो चीजें महत्वपूर्ण होती है। पहली व्यक्ति की इच्छा शक्ति और दूसरी संगत होती है। सबसे पहले खुद तय करना होगा कि उन्हें तंबाकू की लत छोड़नी होगी। यदि कोई तंबाकू उत्पादों का सेवन छोड़़ना चाहता है तो जिला अस्पताल के कमरा नंबर 14 में संपर्क कर सकते हैं।


इस दौरान बच्चों ने तंबाकू के ख़िलाफ़ पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें छात्र-छात्राओं तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकसान को चित्रों के माध्यम से बताया। अच्छा चित्र बनाने वालों को  पहले स्थान पर अंकुश राठौर, दूसरे स्थान पर अक्षिता गुप्ता और तीसरे स्थान पर हेमू रहे। जिन्हें शील्ड और प्रमाणपत्र देकर पुरस्कृत किया गया। इस दौरान जिला मानसिक स्वास्थ्य इकाई की टीम के मनो चिकित्सक अर्चना विश्वास, दिनेश सिंह ने भी जागरुक किया। शिक्षिका नरेंद्र कुमारी, प्रियंका सिंह, मुक्ता मिश्रा, शिप्रा आदि ने अपने संबोधन में कार्यक्रम को सराहनीय बताया और ऐसे जागरूकता कार्यक्रम करने पर जोर दिया।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS