जालौन : विशेष क्षय रोगी खोज अभियान में खोजे गए 41 नए टीबी मरीज : डीटीओ डॉ. सुग्रीव बाबू

जालौन : विशेष क्षय रोगी खोज अभियान में खोजे गए 41 नए टीबी मरीज    जालौन : विश्व क्षय रोग दिवस (24 मार्च) से 13 अप्रैल तक चलाए गए विशेष क्षय रोगी खोज अभियान में 41 नए टीबी मरीज खोजे गए है। इनका निक्षय पोर्टल पर पंजीकरण कर उपचार शुरू कर दिया गया है। इन क्षय रोगियों को खोजने की जिम्मेदारी कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) को  दी गई थी।     जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. सुग्रीव बाबू ने बताया कि 24 मार्च से 13 अप्रैल तक चले विशेष क्षय रोगी खोज अभियान में 1493 लोग चिन्हित किए पाए गए। इसमें 33 संभावित की बलगम की जांच की गई और आठ लोगों का एक्स-रे किया गया। कुल 41 मरीजों का टीबी की पुष्टि होने पर इलाज शुरू कर दिया गया है।  डीटीओ ने बताया कि जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर व जिला मुख्यालय स्थित टीबी अस्पताल में जांच से लेकर इलाज तक सब निशुल्क है। यदि किसी को दो सप्ताह से ज्यादा समय से खांसी आ रही है और बुखार रहता है तथा शरीर का वजन कम हो रहा है तो टीबी की जांच जरूर कराएं। जांच कराकर खुद और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं। टीबी के इलाज के दौरान सही पोषण के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज के दौरान हर माह 500 रुपए भी दिए जाते हैं।   उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) को निर्देश है संभावित क्षय रोगी का नाम व पता दर्ज करने के साथ ही उसे नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या जिला क्षय रोग अस्पताल में भेजें। जांच में टीबी की पुष्टि होने पर उसका पंजीकरण कर नियमित इलाज करने का प्रावधान है।    यह हैं लक्षण    •	14 दिनों से अधिक बुखार आए या खांसी आए  या फिर दोनों की शिकायत हो  •	सीने में दर्द हो रहा हो।  •	अगर खाँसी के साथ खून आने लगे।  •	भूख कम लगे।  •	तेजी से वजन घटे।  •	बच्चों का वजन न बढ़े।

जालौन : विशेष क्षय रोगी खोज अभियान में खोजे गए 41 नए टीबी मरीज


जालौन : विश्व क्षय रोग दिवस (24 मार्च) से 13 अप्रैल तक चलाए गए विशेष क्षय रोगी खोज अभियान में 41 नए टीबी मरीज खोजे गए है। इनका निक्षय पोर्टल पर पंजीकरण कर उपचार शुरू कर दिया गया है। इन क्षय रोगियों को खोजने की जिम्मेदारी कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) को  दी गई थी। 


जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. सुग्रीव बाबू ने बताया कि 24 मार्च से 13 अप्रैल तक चले विशेष क्षय रोगी खोज अभियान में 1493 लोग चिन्हित किए पाए गए। इसमें 33 संभावित की बलगम की जांच की गई और आठ लोगों का एक्स-रे किया गया। कुल 41 मरीजों का टीबी की पुष्टि होने पर इलाज शुरू कर दिया गया है।

डीटीओ ने बताया कि जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर व जिला मुख्यालय स्थित टीबी अस्पताल में जांच से लेकर इलाज तक सब निशुल्क है। यदि किसी को दो सप्ताह से ज्यादा समय से खांसी आ रही है और बुखार रहता है तथा शरीर का वजन कम हो रहा है तो टीबी की जांच जरूर कराएं। जांच कराकर खुद और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं। टीबी के इलाज के दौरान सही पोषण के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज के दौरान हर माह 500 रुपए भी दिए जाते हैं। 

उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) को निर्देश है संभावित क्षय रोगी का नाम व पता दर्ज करने के साथ ही उसे नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या जिला क्षय रोग अस्पताल में भेजें। जांच में टीबी की पुष्टि होने पर उसका पंजीकरण कर नियमित इलाज करने का प्रावधान है।


यह हैं लक्षण


14 दिनों से अधिक बुखार आए या खांसी आए

या फिर दोनों की शिकायत हो

सीने में दर्द हो रहा हो।

अगर खाँसी के साथ खून आने लगे।

भूख कम लगे।

तेजी से वजन घटे।

बच्चों का वजन न बढ़े।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS