जालौन : राज्यस्तरीय सलाहकार ने की एसीएफ अभियान की समीक्षा

जालौन : राज्यस्तरीय सलाहकार ने की एसीएफ अभियान की समीक्षा  दस दिवसीय अभियान में पांच दिन में टीमों ने खोजे 27 नए टीबी मरीज  जालौन : राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में चल रहे सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान (एसीएफ) की आगरा से आए राज्य क्षय प्रशिक्षण केंद्र के वरिष्ठ सलाहकार डा. अनुराग श्रीवास्तव ने समीक्षा की । उन्होंने कुठौंद ब्लाक के शंकरपुर, उरई नगरीय क्षेत्र के मोहल्लों में भी भ्रमण किया और अभियान के अंतर्गत चल रहे कार्य को परखा ।   डॉ. श्रीवास्तव ने टीमों से कहा कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों को चिह्नित कर उन्हें इलाज उपलब्ध कराएं  जिससे टीबी मुक्त भारत का संकल्प समय से पूरा हो सके ।  सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की 104 टीमें घर - घर जाकर टीबी रोगियों को खोजने का काम कर रही हैं । दस दिवसीय इस अभियान में 14 मार्च तक 27 नए टीबी रोगी खोजे गए हैं  । इन मरीजों का इलाज भी शुरू कर दिया गया है ।   जिला क्षय रोग अधिकारी डा. सुग्रीव बाबू ने बताया कि  नौ  से 22 मार्च तक चल रहे एसीएफ अभियान में 3.72 लाख जनसंख्या में टीबी मरीज खोजने का लक्ष्य रखा गया था। इसमें 14 मार्च तक 1.83 लाख लोगों की टीबी के लिए स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इसमें 773 लोग ऐसे थे, जिनमें टीबी के संभावित लक्षण थे। इस पर स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने उनके सैंपल लेकर जांच को भेजा |    इसमें 23 के बलगम की जांच में धनात्मक मिले है और चार रोगी एक्सरे के आधार पर टीबी रोग से पीड़ित मिले । सभी 27 रोगियों का इलाज शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अभियान 22 मार्च तक जारी रहेगा। उन्होंने लोगों से भी अपील की है  कि घर पहुंचने वाली टीमों को सही जानकारी दें ताकि क्षय उन्मूलन का लक्ष्य पूरा हो सके। उन्होंने बताया कि यदि किसी मरीज को दो हफ्ते से अधिक समय तक खांसी आ रही हो, बुखार बना हो, खांसी में बलगम आ रहा  है, वजन घट रहा हो तो यह टीबी का लक्षण हो सकता है।  इसकी जांच कराएं। इसके साथ ही सर्वे के लिए आने वाली टीमों को भी सही जानकारी दें। समय से इलाज शुरू होने से टीबी रोग पूरी तरह ठीक हो सकता है। समय से इलाज लें और पूरा इलाज लें ।

जालौन : राज्यस्तरीय सलाहकार ने की एसीएफ अभियान की समीक्षा

दस दिवसीय अभियान में पांच दिन में टीमों ने खोजे 27 नए टीबी मरीज

जालौन : राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में चल रहे सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान (एसीएफ) की आगरा से आए राज्य क्षय प्रशिक्षण केंद्र के वरिष्ठ सलाहकार डा. अनुराग श्रीवास्तव ने समीक्षा की । उन्होंने कुठौंद ब्लाक के शंकरपुर, उरई नगरीय क्षेत्र के मोहल्लों में भी भ्रमण किया और अभियान के अंतर्गत चल रहे कार्य को परखा । 

डॉ. श्रीवास्तव ने टीमों से कहा कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों को चिह्नित कर उन्हें इलाज उपलब्ध कराएं  जिससे टीबी मुक्त भारत का संकल्प समय से पूरा हो सके ।

सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की 104 टीमें घर - घर जाकर टीबी रोगियों को खोजने का काम कर रही हैं । दस दिवसीय इस अभियान में 14 मार्च तक 27 नए टीबी रोगी खोजे गए हैं  । इन मरीजों का इलाज भी शुरू कर दिया गया है । 

जिला क्षय रोग अधिकारी डा. सुग्रीव बाबू ने बताया कि  नौ  से 22 मार्च तक चल रहे एसीएफ अभियान में 3.72 लाख जनसंख्या में टीबी मरीज खोजने का लक्ष्य रखा गया था। इसमें 14 मार्च तक 1.83 लाख लोगों की टीबी के लिए स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इसमें 773 लोग ऐसे थे, जिनमें टीबी के संभावित लक्षण थे। इस पर स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने उनके सैंपल लेकर जांच को भेजा |  

इसमें 23 के बलगम की जांच में धनात्मक मिले है और चार रोगी एक्सरे के आधार पर टीबी रोग से पीड़ित मिले । सभी 27 रोगियों का इलाज शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अभियान 22 मार्च तक जारी रहेगा। उन्होंने लोगों से भी अपील की है  कि घर पहुंचने वाली टीमों को सही जानकारी दें ताकि क्षय उन्मूलन का लक्ष्य पूरा हो सके। उन्होंने बताया कि यदि किसी मरीज को दो हफ्ते से अधिक समय तक खांसी आ रही हो, बुखार बना हो, खांसी में बलगम आ रहा  है, वजन घट रहा हो तो यह टीबी का लक्षण हो सकता है।

इसकी जांच कराएं। इसके साथ ही सर्वे के लिए आने वाली टीमों को भी सही जानकारी दें। समय से इलाज शुरू होने से टीबी रोग पूरी तरह ठीक हो सकता है। समय से इलाज लें और पूरा इलाज लें ।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS