जालौन : जनपद में नौ मार्च से एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान : जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सुग्रीवबाबू

जालौन : जनपद में नौ मार्च से एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान : जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सुग्रीवबाबू    जालौन : राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत डोर टू डोर सक्रिय क्षय रोग खोज अभियान नौ मार्च से चलेगा। दस दिवसीय कार्य दिवस में घर घर जाकर ऐसे संभावित मरीज खोजे जाएंगे, जिनमें क्षय रोग के लक्षण है। रोगियों के खोजने की बाद उनकी जांच कराकर उन्हें इलाज मुहैया कराया जाएगा।    जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सुग्रीव बाबू ने बताया कि नौ मार्च से 22 मार्च तक दस दिवसीय क्षय रोगी खोज अभियान चलाया जाना है।     इसके लिए क्षय रोग विभाग की टीमें घर घर जाकर क्षय रोगियों की खोजने करने के साथ उन्हें इलाज मुहैया काम करेगी। उन्होंने बताया कि हाई रिस्क एरिया जिसमें मलिन बस्ती, ईट्टा भट्टा मजदूरों, सुदूर क्षेत्रों में जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीमें मरीजों को खोजने का काम करेंगी।     इसमें जिले की बीस प्रतिशत आबादी यानी 3.80 लाख में क्षय रोगियों के खोजने का लक्ष्य रखा गया है। संभावित मरीजों की माइक्रोस्कोपी एवं ट्रूनेट से जांच की जाएगी। पॉजिटिव मरीज का ब्लड शुगर, एचआईवी की जांच के बाद निक्षय पोर्टल पर उसका पंजीकरण कर दिया जाएगा।     ऐसे मरीजों को जब तक इलाज चलेगा, तब तक हर महीने पांच सौ रुपये प्रतिमाह के हिसाब से उसके खाते में भेजने का काम विभाग करेगा। जो भी मरीज चिह्नित होगा, उसका 48 घंटे के अंदर इलाज सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि क्षय रोग खोजने वाली टीम में तीन सदस्य होंगे।     जिसमें आशा, आंगनबाड़ी, स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्य होंगे। जो जिन्हें क्षय रोगियों की खोज का प्रशिक्षण दिया जाएगा। टीमें संभावित मरीज के लक्षणों के बारे में जानकारी देंगी। इसके बाद क्षय रोग विभाग की टीम मरीज का फॉलोअप कर उसकी जांच और इलाज मुहैया कराने का काम करेगी।

जालौन : जनपद में नौ मार्च से एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान : जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सुग्रीवबाबू


जालौन : राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत डोर टू डोर सक्रिय क्षय रोग खोज अभियान नौ मार्च से चलेगा। दस दिवसीय कार्य दिवस में घर घर जाकर ऐसे संभावित मरीज खोजे जाएंगे, जिनमें क्षय रोग के लक्षण है। रोगियों के खोजने की बाद उनकी जांच कराकर उन्हें इलाज मुहैया कराया जाएगा।


जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सुग्रीव बाबू ने बताया कि नौ मार्च से 22 मार्च तक दस दिवसीय क्षय रोगी खोज अभियान चलाया जाना है। 


इसके लिए क्षय रोग विभाग की टीमें घर घर जाकर क्षय रोगियों की खोजने करने के साथ उन्हें इलाज मुहैया काम करेगी। उन्होंने बताया कि हाई रिस्क एरिया जिसमें मलिन बस्ती, ईट्टा भट्टा मजदूरों, सुदूर क्षेत्रों में जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीमें मरीजों को खोजने का काम करेंगी। 


इसमें जिले की बीस प्रतिशत आबादी यानी 3.80 लाख में क्षय रोगियों के खोजने का लक्ष्य रखा गया है। संभावित मरीजों की माइक्रोस्कोपी एवं ट्रूनेट से जांच की जाएगी। पॉजिटिव मरीज का ब्लड शुगर, एचआईवी की जांच के बाद निक्षय पोर्टल पर उसका पंजीकरण कर दिया जाएगा। 


ऐसे मरीजों को जब तक इलाज चलेगा, तब तक हर महीने पांच सौ रुपये प्रतिमाह के हिसाब से उसके खाते में भेजने का काम विभाग करेगा। जो भी मरीज चिह्नित होगा, उसका 48 घंटे के अंदर इलाज सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि क्षय रोग खोजने वाली टीम में तीन सदस्य होंगे। 


जिसमें आशा, आंगनबाड़ी, स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्य होंगे। जो जिन्हें क्षय रोगियों की खोज का प्रशिक्षण दिया जाएगा। टीमें संभावित मरीज के लक्षणों के बारे में जानकारी देंगी। इसके बाद क्षय रोग विभाग की टीम मरीज का फॉलोअप कर उसकी जांच और इलाज मुहैया कराने का काम करेगी।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS