जालौन : एचआरपी पीड़ित लाभार्थी को इलाज कराने पर मिलेंगे सौ रुपये

जालौन : एचआरपी पीड़ित लाभार्थी को इलाज कराने पर मिलेंगे सौ रुपये    जालौन : प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसए) के अंतर्गत उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) की ट्रेकिंग के लिए अभियान को विस्तारित किया गया है। इसके अतंर्गत एचआरपी पीड़ित लाभार्थी को अस्पताल आकर इलाज कराने पर हर बार सौ रुपये दिए जाएंगे।इस बाबत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक ने सभी जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारियों को पत्र भी भेजा है।    मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनडी शर्मा का कहना है कि प्रत्येक गर्भवती महिला को दूसरे और तीसरे त्रैमास पर पीएमएसए दिवस पर चयनित स्वास्थ्य इकाइयों पर उच्च जोखिम की जांच के लिए लाना आशा कार्यकर्ता की जिम्मेदारी है। इस दौरान एचआरपी के रुप में चिह्नित की गई गर्भवती महिला की चिकित्सक या स्त्री रोग विशेषज्ञ की देखरेख में तीन अतिरिक्त एएनसी जांच कराना आशा और एएनएम की जिम्मेदारी होगी। इन तीनों जांचों में आशा कार्यकर्ता को गर्भवती के साथ अस्पताल आना जरूरी है।    जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता रूबी का कहना है कि नई व्यवस्था के तहत विशेषज्ञ चिकित्सक की ओर से चिह्नित उच्च जोखिम युक्त (एचआरपी) गर्भवती की तीन अतिरिक्त विजिट सुनिश्चित करने के लिए आशा 100 रुपये प्रति विजिट को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। एचआरपी गर्भवती को सुरक्षित संस्थागत प्रसव के बाद 45 दिनों तक मां और नवजात की देखभाल को संबंधित एएनएम या चिकित्सक द्वारा प्रमाणित करने पर आशा कार्यकर्ता को 500 रुपये प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। चिन्हित उच्च जोखिम युक्त एचआरपी गर्भवती महिला को पीएममएसएमए दिवस या विशेषज्ञ चिकित्सक से तीन अतिरिक्त एएनसी जांच कराने के लिए लाभार्थी को भी 100 रुपये प्रति विजिट देने का प्राविधान है।    उन्होंने बताया कि यह धनराशि लाभार्थी के खाते में भेजी जाएगी। यही नहीं इन जांचों की विभागीय पोर्टल पर इंट्री भी होगी। सीएमओ कार्यालय के सहायक समीक्षा अधिकारी आरपी विश्वकर्मा ने बताया कि अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 तक 2275 महिलाएं एचआरपी के रुप में चिह्नितकी गई है। जिला महिला अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. अशोक कुमार सिंह निर्मल का कहना है कि एचआरपी वाली गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। इसमें विशेष रुप से हीमोग्लोबिन की स्थिति पर नजर रखने की जरूरत है।उन्होंने बताया कि 4 से 7 तक हीमोग्लोबिन अत्याधिक खून की कमी, 7 से 9 हीमोग्लोबिन जोखिम वाला है।   इसी तरह पैरों में सूजन, सिरदर्द, आंखों में धंधुलापन, सीने में जलन जैसी समस्या है तो यह भी एचआरपी की श्रेणी में आती है। ऐसी महिलाओं को अस्पताल में आकर चिकित्सक से सलाह लेकर दवाओं और खानपान के स्तर को सुधारना होगा।

जालौन : एचआरपी पीड़ित लाभार्थी को इलाज कराने पर मिलेंगे सौ रुपये


जालौन : प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसए) के अंतर्गत उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) की ट्रेकिंग के लिए अभियान को विस्तारित किया गया है। इसके अतंर्गत एचआरपी पीड़ित लाभार्थी को अस्पताल आकर इलाज कराने पर हर बार सौ रुपये दिए जाएंगे।इस बाबत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक ने सभी जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारियों को पत्र भी भेजा है।


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनडी शर्मा का कहना है कि प्रत्येक गर्भवती महिला को दूसरे और तीसरे त्रैमास पर पीएमएसए दिवस पर चयनित स्वास्थ्य इकाइयों पर उच्च जोखिम की जांच के लिए लाना आशा कार्यकर्ता की जिम्मेदारी है। इस दौरान एचआरपी के रुप में चिह्नित की गई गर्भवती महिला की चिकित्सक या स्त्री रोग विशेषज्ञ की देखरेख में तीन अतिरिक्त एएनसी जांच कराना आशा और एएनएम की जिम्मेदारी होगी। इन तीनों जांचों में आशा कार्यकर्ता को गर्भवती के साथ अस्पताल आना जरूरी है।


जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता रूबी का कहना है कि नई व्यवस्था के तहत विशेषज्ञ चिकित्सक की ओर से चिह्नित उच्च जोखिम युक्त (एचआरपी) गर्भवती की तीन अतिरिक्त विजिट सुनिश्चित करने के लिए आशा 100 रुपये प्रति विजिट को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। एचआरपी गर्भवती को सुरक्षित संस्थागत प्रसव के बाद 45 दिनों तक मां और नवजात की देखभाल को संबंधित एएनएम या चिकित्सक द्वारा प्रमाणित करने पर आशा कार्यकर्ता को 500 रुपये प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। चिन्हित उच्च जोखिम युक्त एचआरपी गर्भवती महिला को पीएममएसएमए दिवस या विशेषज्ञ चिकित्सक से तीन अतिरिक्त एएनसी जांच कराने के लिए लाभार्थी को भी 100 रुपये प्रति विजिट देने का प्राविधान है।


उन्होंने बताया कि यह धनराशि लाभार्थी के खाते में भेजी जाएगी। यही नहीं इन जांचों की विभागीय पोर्टल पर इंट्री भी होगी। सीएमओ कार्यालय के सहायक समीक्षा अधिकारी आरपी विश्वकर्मा ने बताया कि अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 तक 2275 महिलाएं एचआरपी के रुप में चिह्नितकी गई है। जिला महिला अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. अशोक कुमार सिंह निर्मल का कहना है कि एचआरपी वाली गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। इसमें विशेष रुप से हीमोग्लोबिन की स्थिति पर नजर रखने की जरूरत है।उन्होंने बताया कि 4 से 7 तक हीमोग्लोबिन अत्याधिक खून की कमी, 7 से 9 हीमोग्लोबिन जोखिम वाला है। 

इसी तरह पैरों में सूजन, सिरदर्द, आंखों में धंधुलापन, सीने में जलन जैसी समस्या है तो यह भी एचआरपी की श्रेणी में आती है। ऐसी महिलाओं को अस्पताल में आकर चिकित्सक से सलाह लेकर दवाओं और खानपान के स्तर को सुधारना होगा।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS