राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना है कि केंद्र द्वारा शुल्क में की गई कटौती का पूरा लाभ उपभोक्ताओं को प्रदान किया जाए

केंद्र ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को भंडारण सीमा जारी करने की प्रक्रिया तेज करने का निर्देश दिया

उत्तर प्रदेश 12 अक्टूबर, 2021 को भंडारण सीमा अधिसूचित कर चुका है, अन्य राज्य इसकी प्रक्रिया में हैं

राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना है कि केंद्र द्वारा शुल्क में की गई कटौती का पूरा लाभ उपभोक्ताओं को प्रदान किया जाए

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) ने खाद्य तेलों पर भंडारण सीमा की स्थिति की समीक्षा के लिए सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बैठक की।

उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधीन विभाग ने दिनांक 08.10.2021 को जारी अपने आदेश और इसके बाद खाद्य तेलों के भंडारण सीमा के संबंध में 12.10.2021 और 22.10.2021 को भेजे स्मरण पत्र पर राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा की गई कार्रवाई का विवरण मांगा।

केंद्र ने सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि खाद्य तेलों की भंडारण सीमा पर केंद्र की पहल का लाभ उपभोक्ताओं को प्राप्त हो। केंद्र ने त्योहारों के मौसम से पहले सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में भंडारण सीमा की अधिसूचना जारी करने की प्रक्रिया को तेज करने की भी सलाह दी।

इस संबंध में, उत्तर प्रदेश ने बढ़त प्राप्त कर ली है। प्रदेश सरकार ने सूचित किया है कि उसने पहले ही 12 अक्टूबर, 2021 को भंडारण सीमा का आदेश जारी कर दिया है जिससे कीमतों में कमी आएगी।

हालांकि, अन्य राज्य या तो हितधारकों के साथ परामर्श कर रहे हैं या पहले ही राज्य सरकार को अनुमोदन के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत कर चुके हैं।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए, डीएफपीडी के संयुक्त सचिव, श्री पार्थ एस. दास ने बल देकर कहा कि प्रत्येक राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश द्वारा उनके उपभोग पैटर्न के आधार पर भंडारण सीमा को अधिसूचित किया जाना है।

राजस्थान, गुजरात और हरियाणा राज्यों ने पहले ही राज्य सरकार को प्रस्ताव प्रस्तुत कर दिया है और भंडारण सीमा जल्द ही लागू होने की उम्मीद है। महाराष्ट्र, ओडिशा, केरल, झारखंड, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, त्रिपुरा और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ ने भंडारण सीमा तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और जल्द ही विभिन्न वर्गों के लिए प्रासंगिक भंडारण सीमाएं अधिसूचित करेंगे।

केंद्र ने अपने पिछले आदेश में राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि खाद्य तेलों की ऊंची कीमतों से तत्काल राहत प्रदान करने के लिए, विशेष रूप से आगामी त्योहारों के मौसम के दौरान केंद्र द्वारा की गई शुल्क कटौती का पूरा लाभ उपभोक्ताओं को दिया जाए। इससे खाद्य मुद्रास्फीति को कम करने में भी मदद मिलेगी और खाद्य तेलों की कीमतों में कमी कर सामान्य उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।

डीएफपीडी खाद्य तेलों की कीमतों और उपभोक्ताओं को इसकी उपलब्धता की बारीकी से निगरानी कर रहा है। यह आगामी त्योहारों के मौसम के संदर्भ में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इस समय खाद्य तेलों की मांग बढ़ेगी। सरकार द्वारा पहले ही विभिन्न कदम उठाए जा चुके हैं जैसे सभी राज्यों और खाद्य तेल उद्योग संघों के साथ बातचीत के आधार पर, भंडारण प्रकटीकरण अधिसूचना जारी की गई है और डीएफपीडी ने साप्ताहिक आधार पर देश में खाद्य तेलों / तिलहन के भंडार की निगरानी के लिए एक वेब पोर्टल बनाया है।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS