जन्मजात गूंगे बहरे छह बच्चे इलाज के लिए कानपुर भेजे गए

जन्मजात गूंगे बहरे छह बच्चे इलाज के लिए कानपुर भेजे गए

आरबीएसके योजना के अंतर्गत बच्चों का होगा निशुल्क इलाज

आरबीएसके से  होता है निशुल्क उपचार- डीईआईसी मैनेजर

जालौन : राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत जन्मजात गूंगे बहरे बच्चों को इलाज के लिए कानपुर के ईएनटी अस्पताल में भेजा गया। यह बच्चे 108 नंबर की एंबुलेंस से भेजे गए हैं। इन बच्चों की खोज आरबीएसके टीमों ने भ्रमण के दौरान की थी।

कोंच ब्लाक के साढ़े चार साल की शिवांगी पुत्री देवेंद्र, जालौन ब्लाक के होशियार सिंह के साढ़े चार साल के बेटे पीयूष व एक साल के बेटे रुद्रप्रताप, पांच वर्षीय खुशी पुत्री ब्रजेश, नदीगांव ब्लाक के पांच वर्षीय रामजी पुत्र भानुप्रताप, साढ़े चार साल के हनुमंत पुत्र रतन जन्मजात गूंगे बहरे थे। यह इन सभी के माता पिता व अभिभावक इलाज के लिए परेशान घूम रहे थे । ब्लाक स्तरीय आरबीएसके टीमों ने सर्वे के दौरान इन बच्चों की खोज की और इनके माता पिता को योजना के बारे में बताकर निशुल्क इलाज के लिए  प्रेरित किया। बच्चों के अभिभावकों की रजामंदी के बाद सभी को 108 नंबर की दो एंबुलेंस से कानपुर इलाज के लिए भेजा गया।

जिला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र (डीईआईसी) मैनेजर रवींद्र सिंह ने बताया कि आरबीएसके योजना के अंतर्गत इन सभी छह बच्चों की निशुल्क सर्जरी कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि कुछ लोग सीधे इलाज के लिए कानपुर पहुंच जाते है और उनका इलाज में खर्च लग जाता है। जबकि आरबीएसके योजना के अंतर्गत निशुल्क इलाज किया जाता है। लिहाजा जो भी माता पिता अपने बच्चों का इलाज कराना चाहते हैं, वह आरबीएसके के माध्यम से पंजीकरण कराने के बाद ही बच्चों को इलाज के लिए भेजे ताकि उनका निशुल्क इलाज कराया जा सके। उन्होंने बताया कि जन्मजात बहरापन (डेफनेस) योजना के अंतर्गत पांच साल तक के बच्चों को इलाज की सुविधा मुहैया कराई जाती है।

आरबीएसके के नोडल अधिकारी डा. एसडी चौधरी बताते है कि आरबीएसके योजना के अंतर्गत 0 से 19 साल तक के बच्चों को जन्मजात समेत ह्दय, कुष्ठ और क्षय रोग संबंधी पचास तरह की बीमारियों का इलाज किया जाता है। आरबीएसके के अंतर्गत पंजीकरण कराकर निशुल्क इलाज ले सकते हैं। 

गरीबों के लिए मददगार है आरबीएसके योजना

जालौन के मोहल्ला चिमनदुबे निवासी पेशे के ड्राइवर होशियार सिंह बताते है कि उनके दो बेटे पीयूष साढ़े चार साल और एक वर्ष का रुद्रप्रताप जन्मजात गूंगे बहरे थे। इलाज के लिए परेशान हो रहे थे। उदयपुर, लखनऊ आदि स्थानों पर हजारों रुपये खर्च कर चुके थे लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा था। इतना पैसा भी नहीं था कि महंगा इलाज करा पाते।  फिर आरबीएसके की टीम ने घर पर आकर निशुल्क इलाज का भरोसा दिया। अब इस योजना के अंतर्गत निशुल्क इलाज के लिए जा रहे है। यह योजना गरीबों के लिए मददगार है।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS