जालौन: बच्चे को टीकाकरण के समय जरूर पिलाएं विटामिन ए, कोरोना से लड़ने में मिलेगी मदद

जालौन: बच्चे को टीकाकरण के समय जरूर पिलाएं विटामिन ए, कोरोना से लड़ने में मिलेगी मदद
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. संजीव प्रभाकर

जालौन: बच्चे को टीकाकरण के समय जरूर पिलाएं विटामिन ए, कोरोना से लड़ने में मिलेगी मदद

कोविड प्रोटोकाल में चलेगा अभियान 

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. संजीव प्रभाकर का कहना है कि स्वास्थ्य पोषण माह 28 जुलाई से शुरू हो चुका है। इस अभियान के दौरान आशा / स्वास्थ्य कार्यकर्ता को नौ माह से पांच वर्ष तक के 215294 बच्चों को विटामिन ए की खुराक देने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही अभियान के दौरान सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सैनेटाइज़र, मास्क और दो गज की दूरी के साथ कोविड प्रोटोकाल का पालन करने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए विटामिन ए के 4306 बोतलें उपलब्ध कराई गई है।

जिला महिला अस्पताल में तैनात वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एस के पाल  का मानना है कि विटामिन ए पिलाने से बच्चों में संक्रमण की आशंका काफी कम हो जाती है क्योंकि इससे इम्यूनिटी बढ़ती है। इस लिए बाल स्वास्थ्य पोषण माह में पांच वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक अवश्य दें।

डॉ. पाल ने बताया कि बच्चों को विटामिन ए की खुराक देने से शरीर की एपिथीलियल लेयर मजबूत होती है। यह परत हर बच्चे के रिसपैरेट्री ट्रैक यानि स्वसन तंत्र में भी होती है। उन्होंने बताया कि यदि बच्चे के रिसपैरेट्री ट्रैक की एपिथीलियल लेयर मजबूत रहेगी, तो वायरस कोविड-19 भी इस परत को अतिक्रमित करने में असहाय महसूस करेगा। साथ ही इस वायरस के श्वसन तंत्र से भीतर जाने की गुंजाइश भी काफी कम हो जाती है।

उन्होंने बताया कि कोविड की संभावित तीसरी लहर से बचने के लिए हम सभी को अपनी और अपने बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी बनाए रखने की आवश्यकता है। इसके लिए विटामिन ए काफी मददगार साबित हो सकता है। यह वसा में घुलनशील विटामिन है और यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मदद करता है। सीएनएनएस के वर्ष 2016-18 की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में एक से चार वर्ष तक के 16.9 प्रतिशत बच्चे विटामिन ए की कमी से ग्रस्त हैं।       

विटामिन ए की कमी से नुकसान एनीमिया रोग, रोग प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर होना, आंखों की रोशनी काम होना, अंधापन होना, आंखों में आंसू न बनना, रूखी त्वचा हो जाना और मुंह में छाले, दस्त जैसी समस्या होना। 

क्या है योजना

बाल स्वास्थ्य पोषण माह हर वर्ष जून और दिसंबर में मनाया जाता है। इस दौरान अभियान चलाकर नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों विटामिन ए की खुराक दी जाती है। नौ माह से 12 माह तक बच्चों को नियमित टीकाकरण के दौरान एमआर के प्रथम टीके के साथ एक मिलीलीटर (एमएल) विटामिन ए की खुराक पिलाई जाती है। जबकि 16 माह से 24 माह के बच्चों को एमआर के दूसरे टीके के साथ दो एमएल देनी होती है। हर छह माह पर बाल स्वास्थ्य पोषण माह के दौरान दो वर्ष से पांच वर्ष तक की आबादी को दो एमएल पिलाई जाती है।



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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS