भारत सरकार की नि:शुल्क टेलीमेडिसिन सेवा 'ई - संजीवनी' ने 60 लाख परामर्श पूरे किए

भारत सरकार की नि:शुल्क टेलीमेडिसिन सेवा 'ई - संजीवनी' ने 60 लाख परामर्श पूरे किए  प्रतिदिन 40,000 से अधिक रोगी सुदूर क्षेत्रों से स्वास्थ्य सेवाओं की तलाश में ‘ई-संजीवनी’ का उपयोग करते हैं

 भारत सरकार की नि:शुल्क टेलीमेडिसिन सेवा 'ई - संजीवनी' ने 60 लाख परामर्श पूरे किए

प्रतिदिन 40,000 से अधिक रोगी सुदूर क्षेत्रों से स्वास्थ्य सेवाओं की तलाश में ‘ई-संजीवनी’ का उपयोग करते हैं

यह टेलीमेडिसिन सेवा कोविड महामारी के दौरान स्वास्थ्य संबंधी देखभाल तक पहुंच आसान बनाने में अहम साबित हुई है

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा - ई-संजीवनी ने 375 से अधिक ऑनलाइन ओपीडी के जरिए 6 मिलियन (60 लाख) परामर्श पूरा करके एक और मील का पत्थर पार किया है। इस टेलीमेडिसिन सेवा के तहत दैनिक आधार पर 40,000 से अधिक रोगी स्वास्थ्य सेवाओं की तलाश में इस नवीन डिजिटल माध्यम का उपयोग करके 1600 से अधिक डॉक्टरों और विशेषज्ञों से परामर्श करते हैं।

वर्तमान में, यह राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा 31 राज्यों/ केन्द्र - शासित प्रदेशों में काम कर रही है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने नवंबर 2019 में भारत सरकार के आयुष्मान भारत योजना तहत 1,55,000 स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्रों पर कार्यान्वयन के लिए ई-संजीवनी - डॉक्टर से डॉक्टर के बीच हब एंड स्पोक्स मॉडल पर आधारित एक टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म- की परिकल्पना की थी। मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण, देशभर में ओपीडी बंद होने पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (मोहाली) के सहयोग से इस पहल का तेजी से विकास और शुभारंभ सुनिश्चित किया।

ई-संजीवनी एबी-एचडब्ल्यूसी - डॉक्टर से डॉक्टर के बीच टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म को लगभग 30 राज्यों में लगभग 20,000 स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्रों में स्पोक्स के रूप में और 1800 से अधिक हब में लागू किया गया है। रक्षा मंत्रालय ने भी ई-संजीवनी ओपीडी पर एक राष्ट्रीय ओपीडी की मेजबानी की है, जहां रक्षा मंत्रालय द्वारा बुलाए गए 100 से अधिक अनुभवी डॉक्टर और विशेषज्ञ देशभर के मरीजों की सेवा करते हैं।

कई राज्यों में लोगों ने ई-संजीवनी के फायदों को तेजी से पहचाना है और इसने स्वास्थ्य सेवाओं की तलाश में इस डिजिटल तरीके को व्यापक रूप से तेजी से अपनाने की उत्साहजनक प्रवृत्ति को जन्म दिया है। इससे खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में विशिष्ट स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में व्यापक सुधार हुआ है। इसके अलावा, यह सेवा शहरी क्षेत्रों के रोगियों के लिए भी उपयोगी बन गई है, विशेष रूप से इस महामारी की दूसरी लहर के दौरान जिसने देश में स्वास्थ्य सेवाओं की वितरण प्रणाली पर भारी बोझ डाला है।

बहुत ही कम समय में, भारत सरकार की इस राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा ने डिजिटल स्वास्थ्य के मामले में शहरी और ग्रामीण भारत के बीच मौजूद अंतर को पाटकर भारतीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को सहयोग देना शुरू कर दिया है। यह सेवा माध्यमिक और तृतीयक स्तर के अस्पतालों पर बोझ को कम करते हुए जमीनी स्तर पर डॉक्टरों और विशेषज्ञों की कमी को भी दूर कर रही है। राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के अनुरूप, ई-संजीवनी देश में डिजिटल स्वास्थ्य के इकोसिस्टम को भी मजबूत कर रहा है।

ई-संजीवनी को अपनाने (परामर्श की संख्या) के मामले में 10 अग्रणी राज्य - आंध्र प्रदेश (1219689), तमिलनाडु (1161987), कर्नाटक (1056447), उत्तर प्रदेश (952926), गुजरात (267482), मध्यप्रदेश (264364), बिहार (192537), महाराष्ट्र (177629), केरल (173734) और उत्तराखंड (134214) - हैं।

ई-संजीवनी https://esanjeevaniopd.in/  के अलावा एंडरॉयड पर भी उपलब्ध है।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS