विश्व तम्बाकू निषेध दिवस (31 मई) पर विशेष
विश्व में तम्बाकू सेवन से हर साल 80 लाख लोग तोड़ देते हैं दम
इस बार ‘विजेता बनने के लिए तम्बाकू छोड़े ’ थीम के साथ मनेगा दिवस
जनपद जालौन में 63 ने पाई तम्बाकू से मुक्ति, तम्बाकू छोड़ने के लिए 1149 लोगों की गई काउंसलिंग
जालौन 30 मई 2021 : तम्बाकू, बीड़ी और सिगरेट के सेवन से कैंसर समेत तमाम बीमारियाँ शरीर को जकड़ लेती हैं क्योंकि इनके सेवन से शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता (इम्यूनिटी) कमजोर पड़ जाती है | कोरोना काल में इनका सेवन और भी ज्यादा नुकसानदायक है, क्योंकि कोरोना उन्हीं लोगों को चपेट में ले रहा है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है | धूम्रपान करने वाले अपने साथ ही आस-पास रहने वालों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं, क्योंकि धूम्रपान करने वाले के फेफड़े तक केवल 30 फीसद धुआं पहुँचता है बाकी 70 फीसद धुआं निकटतम लोगों को प्रभावित करता है |
तम्बाकू से उत्पन्न इसी समस्या को देखते हुए लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 31 मई को तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है | इस दिवस को मनाने की शुरुआत 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा की गई थी| इस वर्ष की इस दिवस की थीम‘विजेता बनने के लिए तम्बाकू छोड़े ’ है|
कोरोना काल में और भी खतरनाक
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ऊषा सिंह ने बताया कि तम्बाकू और बीड़ी-सिगरेट का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही नुकसानदायक है| कोरोना काल के समय इनका सेवन करना अर्थात मुसीबत को मोल लेना है| तम्बाकू के इस्तमाल से प्रतिरोधक क्षमता कम होती है साथ ही यह फेफड़ों को भी नुकसान देता है|
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व गैर संचारी रोग के नोडल अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह बताते है कि धूम्रपान से सांस लेने की प्रक्रिया को नुकसान पहुँचता है| सांस की नली और फेफड़ों को नुकसान होता है | कोरोना वायरस गले और सबसे अधिक फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है| तम्बाकू और धूम्रपान करने वालों के फेफड़े पहले से मजबूत स्थिति में नहीं होते हैं, ऐसे में कोरोना वायरस बहुत जल्दी घातक रूप ले लेता है| क्योंकि वायरस से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है| साथ ही तम्बाकू खाने के बाद यहाँ वहां थूक देंने से भी कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा रहता है|
सेकंड हैण्ड स्मोकिंग ज्यादा खतरनाक
अगर आप धूम्रपान नहीं करते हैं लेकिन आपके आस-पास कोई धूम्रपान करता है तो यह धुआं सिगरेट न पीने वाले के फेफड़ों में पहुँच जाता है| सेकंड हैण्ड स्मोकिंग का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव बच्चों और गर्भवतियों पर होता है| विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व में लगभग 12 लाख लोगों की मृत्यु की वजह सेकंड हैण्ड स्मोकिंग है|
जिला अस्पताल में तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के काउंसलर महेश कुमार ने बताया कि जो लोग तम्बाकू या बीड़ी से मुक्ति पाना चाहते हैं उनके लिए यहाँ कमरा नंबर 14 पर सलाह ले सकते है। फ़िलहाल यह सुविधा कोरोना संक्रमण कि वजह से बाधित है| साल 2020 – 2021 में 1149 लोगों की काउंसलिंग की गई, इसमें से 63 लोगों तम्बाकू से मुक्ति पा ली है|