गर्भवती को कोरोना काल में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत : डॉ. एके त्रिपाठी

गर्भवती को कोरोना काल में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत : डॉ. एके त्रिपाठी

गर्भवती को कोरोना काल में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत

आपातकालीन सुविधाओं के लिए जिला महिला अस्पताल आ सकती है गर्भवती

जालौन, 14 मई 2021 : कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में गर्भवती को इस संक्रमण का खतरा अधिक रहता है, ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग इस वायरस से बचने का सबसे कारगर तरीका है| यह सलाह जिला महिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एके त्रिपाठी ने दी। उन्होंने  बताया कि गर्भावस्था में महिलाओं को सबसे ज्यादा देखभाल और सावधानी की जरूरत होती है। गर्भवती जो खाती है और जिस तरह की जीवनशैली का पालन करती है, उसका सीधा असर उसकी गर्भावस्था और होने वाले बच्चे पर पड़ता है।

उन्होंने बताया कि गर्भवती महिला को समय-समय पर स्वास्थ्य जांच एवं चिकित्सीय परामर्श की जरूरत होती है।

कोरोना संक्रमण के दौर में गर्भवती का घर से बाहर निकलना और अस्पताल जाना खतरे से खाली नहीं है| ऐसे में सरकार एवं विभाग द्वारा टीबी, रेडियो, अख़बारों व अन्य माध्यमों से बताये जा रहे सावधानियों एवं सुझावों को ध्यान से सुनें और उनका पालन करें| नियमित रूप से अपने हाथों की सफाई करें| आशा, एएनएम, आंगनवाड़ी के अलावा अपने चिकित्सक से घर पर स्वच्छता के तौर-तरीकों के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए| मौसमी फल, हरी सब्जी खासकर पत्तेदार, दूध, दही, गुड़-चना, दलिया व पोषाहार को अपने दैनिक भोजन में शामिल करें| यदि गर्भावस्था को लेकर किसी भी तरह की चिंता है, तो फोन पर अपने क्षेत्र की आशा, एएनएम या प्रसूति विशेषज्ञ से संपर्क कर सकती हैं| आपातकालीन सुविधाओं व प्रसव के लिए जिला महिला अस्पताल की आपातकालीन सेवाएँ संचालित हैं।

गर्भवती नकारात्मक विचार न लाए

जिला महिला अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ एके सिंह का कहना है कि हार्मोनल बदलावों के कारण गर्भवती  के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है| ऐसे में उनमें तनाव, डिप्रेशन, चिंता, गुस्सा, घबराहट, एकाग्रता की कमी आदि आम समस्याएं बन जाती हैं | इसलिए इस दौरान उन्हें अपने स्वास्थ्य का खास ख्याल रखने की आवश्यकता है |

गर्भवती ले सकती है एंबुलेंस का सहारा

एसीएमओ परिवार कल्याण डॉ. एसडी चौधरी का कहना है कि गर्भवती का इलाज और जांच की सभी सुविधाएं निशुल्क है। गर्भावस्था से लेकर शिशु जन्म और उसके बाद शिशु के एक वर्ष पूरा होने तक जच्चा-बच्चा के इलाज पर होने वाले खर्चों का भुगतान जननी सुरक्षा योजना के तहत किया जाता है | किसी भी परेशानी के लिए महिलाएं एंबुलेंस नंबर 102 का सहारा ले सकती है। गर्भवती को अस्पताल आने और वापस जाने में निशुल्क एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है।


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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS