केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत 2021-22 के लिए गुजरात को 3,411 करोड़ रुपये अनुदान के रूप में आवंटित किए

केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत 2021-22 के लिए गुजरात को 3,411 करोड़ रुपये अनुदान के रूप में आवंटित किए  852.65 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी  राज्य की 2022 तक हर ग्रामीण परिवार को नल का पानी उपलब्ध कराने की योजना है

केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत 2021-22 के लिए गुजरात को 3,411 करोड़ रुपये अनुदान के रूप में आवंटित किए

852.65 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी

राज्य की 2022 तक हर ग्रामीण परिवार को नल का पानी उपलब्ध कराने की योजना है

"हर घर जल" के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, अर्थात् प्रत्येक घर को नियमित और दीर्घकालिक आधार पर सुनिश्चित नल के पानी की आपूर्ति प्रदान करने के लिए, राष्ट्रीय जल जीवन मिशन, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार ने वर्ष 2021-22 के लिए जल जीवन मिशन के तहत गुजरात राज्य को 3,410.61 करोड़ रुपये अनुदान के रूप में आवंटित किए हैं। इस आवंटन की पहली किस्त के रूप में 852.65 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। केंद्रीय मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गुजरात राज्य को जलापूर्ति के लिए अनुदान आवंटन में चार गुना वृद्धि को मंजूरी दी। वर्ष 2019-20 के लिए केंद्र सरकार का आवंटन 390.31 करोड़ रुपये था, जिसे 2020-21 में बढ़ाकर 883.08 करोड़ रुपये कर दिया गया।

जीवन बदलने वाला 'जल जीवन मिशन-हर घर जल' प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 15 अगस्त, 2019 को शुरू किया गया था ताकि 2024 तक गांवों में रहने वाले लोगों, विशेषकर महिलाओं और लड़कियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए हर ग्रामीण घर में पीने के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। गुजरात में, 2020-21 के दौरान, 10.94 लाख ग्रामीण परिवारों को नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए गए हैं और 2021-22 में भी राज्य की योजना 10 लाख से अधिक घरों में नल के पानी के कनेक्शन प्रदान करने की है। गुजरात में 92.92 लाख ग्रामीण परिवार हैं, जिनमें से अब 77.21 लाख (83 प्रतिशत) घरों में पाइप से पानी की आपूर्ति की जा रही है।

पिछले वर्ष केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ समीक्षा बैठक के दौरान, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी ने राष्ट्रीय लक्ष्य से दो साल पहले, 2022 तक राज्य के प्रत्येक ग्रामीण घर में नल के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल जीवन मिशन को तेजी से और बड़े पैमाने पर लागू करने का वादा किया था।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' पर जोर दिया है। जल जीवन मिशन इस सिद्धांत के बेहतरीन उदाहरणों में से एक है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास है कि गांव के हर घर में नल के पानी की आपूर्ति हो। गुजरात में करीब 18 हजार गांवों में से 6700 से ज्यादा गांवों में हर घर में नल से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जा चुकी है। 2020-21 में, प्रत्येक घर को नल के पानी का एक चालू कनेक्शन प्रदान करके लगभग 5,900 गांवों को 'हर घर जल' वाला बनाया गया था। राज्य के 5 जिलों में, प्रत्येक ग्रामीण परिवार में नल के पानी की आपूर्ति है।

राष्ट्रीय जल जीवन मिशन द्वारा अनुमोदित राज्य की वार्षिक कार्य योजना के अनुसार, अन्य 18 जिलों तथा 6,400 और गांवों में नल के पानी की आपूर्ति के साथ 100 प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित होगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण 'कोई भी छूटे नहीं' के अनुरूप राष्ट्रीय जल जीवन मिशन राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पाइप से जलापूर्ति व्यवस्था वाले सभी गांवों में प्राथमिकता के साथ हर घर को नल का पानी कनेक्शन दिया जाए। उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में गुजरात के 12 हजार से ज्यादा गांव और 23 जिले 'हर घर जल वाले गांव' बन जाएंगे यानी हर घर में नल के पानी की आपूर्ति शुरू हो जाएगी।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित 100 दिनों के अभियान के तहत और 2 अक्टूबर, 2020 को स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों और आश्रम शालाओं में नल के पानी की आपूर्ति प्रदान करने के लिए शुरू किये गये अभियान के अंतर्गत, राज्य सरकार ने सभी 29,754 ग्रामीण स्कूलों और 42,279 आंगनबाड़ी केंद्रों में नल के पानी के कनेक्शन सुनिश्चित किए। इस योजना के अंतर्गत 98.5 प्रतिशत स्कूलों और लगभग 91 प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्रों में हाथ धोने की सुविधा भी प्रदान की है। इस अभियान और इसके सफल कार्यान्वयन ने सुनिश्चित किया है कि हमारे बच्चों को अब सभी शिक्षण और डे-केयर केंद्रों में सुरक्षित पानी उपलब्ध है, इस प्रकार उनके बेहतर स्वास्थ्य, बेहतर स्वच्छता और सफाई की सुविधा उपलब्ध है।

गुजरात सामुदायिक जुड़ाव और ग्रामीण पेयजल आपूर्ति के लिए पानी समितियों की स्थापना के लिए देश में अग्रणी रहा है। वर्ष 2002 के आरम्भ में जल और स्वच्छता प्रबंधन संगठन (डब्ल्यूएएसएमओ) की स्थापना के साथ इसकी शुरुआत की गई थी। राज्य के 17,255 गांवों में, 10-15 सदस्यों वाली ग्राम जल और स्वच्छता समितियां (वीडब्ल्यूएससी) योजना, कार्यान्वयन, प्रबंधन,  संचालन और गांवों में जलापूर्ति व्यवस्था का रखरखाव के कार्य में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। अब तक, 17,107 गांवों में, दीर्घकालिक जल सुरक्षा और बेहतर स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए, 15वें वित्त आयोग अनुदान अवधि के साथ 5 वर्षीय ग्राम कार्य योजना (वीएपी) सह-टर्मिनस तैयार किए गए हैं। यह एक निम्न से उच्च का दृष्टिकोण है जहां समुदाय शुरू से ही एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। समुदाय के लोग उपलब्ध जल स्रोतों का नक्शा बनाते हैं और गाँव में आवश्यकता के आधार पर जन स्वास्थ्य अभियंता के तकनीकी सहयोग से एक योजना तैयार करते हैं। 

राज्य ने गैर सरकारी संगठन-एनजीओ/सीबीओ और स्वयंसेवी संगठनों के साथ भागीदारी की है ताकि स्थानीय समुदाय को संगठित करने और उसे योजना से जोड़ने के लिए कार्यान्वयन सहायता एजेंसी (आईएसए) के रूप में काम किया जा सके। वर्तमान में, ऐसे 21 आईएसए काम कर रहे हैं और अन्य 25 को आईएसए के रूप में शामिल करने की योजना है। डब्ल्यूएएसएमओ के पास उपलब्ध 400 सामाजिक कार्यकर्ताओं की मजबूत टीम के साथ यह दल समुदाय को ग्राम कार्य योजना, अपशिष्ट जल प्रबंधन, ओ एंड एम और स्रोत सुदृढ़ीकरण आदि की तैयारी के लिए सौंपेगी। इस वर्ष, राज्य सरकार ने अपनी एक प्रमुख गतिविधि के अंतर्गत क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण प्रदान करने की योजना बनाई है। हर घर में जलापूर्ति की योजना और नल के पानी के कनेक्शन की कार्यक्षमता सुनिश्चित करने के लिए पानी समिति, सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियंता, आईएसए आदि के 8 हजार से अधिक लोगों को प्रशिक्षित करने की योजना है। इसका राज्य के प्रत्येक परिवार को जल सुरक्षा प्राप्त करने पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा।

राज्य ने आकांक्षी जिलों और एसएजीवाई गांवों में नल के पानी के कनेक्शन उपलब्ध कराने में तेजी लाई है। गुजरात में कुल 86 जल परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं, जिनमें से 8 प्रयोगशालाएं एनएबीएल से मान्यता प्राप्त हैं। राज्य ने अगले कुछ महीनों में सभी जिला स्तरीय प्रयोगशालाओं को एनएबीएल से मान्यता प्रदान करवाने की योजना बनाई है। ग्रामीण परिवारों को प्रदान किए जाने वाले नल के पानी की निगरानी को मजबूत करने के लिए, गुजरात ने 20 गांवों में स्मार्ट जल निगरानी व्यवस्था शुरू की है। दाहोद जिले में चार प्रमुख योजनाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं। राज्य इस साल आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) आधारित स्मार्ट जलापूर्ति निगरानी योजना के अंतर्गत 500 से अधिक गांवों को लेने की योजना बना रहा है।

जल जीवन मिशन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझेदारी में कार्यान्वित किया जा रहा है। इस योजना से गांवों में रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। ग्रामीण पेयजल आपूर्ति क्षेत्र में इस वर्ष 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करके ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा प्रदान कर रहा है। जल जीवन मिशन के लिए 2021-22 में 50,000 करोड़ का बजट, राज्य के संसाधनों के साथ सामंजस्य कर 15वें वित्त आयोग ने पंचायती राज संस्थाओं को पानी और स्वच्छता के लिए 26,940 करोड़ रुपये का फंड प्रदान किया है।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS