अनियमितता रोकने को गांव-गांव तैयार की जायेगी प्रशिक्षित टीम, प्रथम चरण में दस हजार ग्राम पंचायतों तक पहुचने की योजना

अनियमितता रोकने को गांव-गांव तैयार की जायेगी प्रशिक्षित टीम, प्रथम चरण में दस हजार ग्राम पंचायतों तक पहुचने की योजना  aniyamitata rokane ko gaanv-gaanv taiyaar kee jaayegee prashikshit teem, pratham charan mein das hajaar graam panchaayaton tak pahuchane kee yojana  To prevent irregularity, village to village trained team will be prepared, plan to reach ten thousand gram panchayats in first phase

अनियमितता रोकने को गांव-गांव तैयार की जायेगी प्रशिक्षित टीम 

प्रथम चरण में दस हजार ग्राम पंचायतों तक पहुचने की योजना

रिपोर्ट- संजीव सिपौल्या

नयी पंचायतों के गठन के बाद अब उन्हें वेहतर बनाने ,भृष्टाचार से बचाने और पंचायती राज व्यबस्था के नियमानुसार संचालन के लिए ग्राम स्तर पर प्रशिक्षित टीम तैयार की जाएगी । इस टीम का प्रशिक्षण इतना वेहतर होगा कि अब पंचायतें गड़बड़ नही कर पायेगी । यह प्रयास किया जा रहा है  ग्राम पंचायत सशक्तिकरण संस्थान के द्वारा ,और प्रथम चरण में दस हजार ग्राम पंचायतों पर कार्य करने की संस्थान की योजना है ।

ग्राम पंचायतें नियमों को धत्ता बताने और भृष्टाचार के मामले में हमेशा से विवादों में रही है । ऐसा नही है कि शाशन स्तर से इस विषय पर प्रयास नहीं किये गए लेकिन जमीनी सफलता इन प्रयासों को न के बराबर मिल सकी ।ग्राम स्तरीय टास्क फोर्स का गठन  इसी प्रयास का एक हिस्सा था जो पूरी तरह फेल सावित हुआ । अब इस मामले में पंचायत व सामाजिक कार्यकर्ता तथा विलेज पंचायत एम्पावरमेंट इंस्टिट्यूट के निदेशक अमित इतिहास कार्य शुरू कर रहे है । 

अमित ने बताया कि उत्तर प्रदेश में अंठावन हजार से ज्यादा ग्राम पंचायते है ।आज भी पंचायती राज व्यवस्था जमीन पर नियमानुसार संचालित नही हो पा रही है। वह पांच वर्षों से इस विषय पर अध्ययन और शोध कर रहे हैं । 

उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों की पंचायती राज व्यवस्था को समझने का भी कार्य किया है और निरन्तर चल भी रहा है ।अमित इतिहास ने बताया कि ग्राम सभा की बैठकें, पंचायत की समितियां, ग्राम पंचायत विकास योजना ,पंचायतों के भुगतान और कार्य के मानक सहित बहुत सारे विषयों पर लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा । उन्होंने कहा कि उन्होंने ग्राम पंचायत के तीस से ज्यादा विषयों का प्रशिक्षण मॉड्यूल खुद तैयार किया है ,और जिसे भी प्रशिक्षण दिया जाएगा ,वह ग्राम पंचायतों की सभी स्थिति को बारीकी से समझ चुका होगा तथा ग्राम पंचायतें जरा भी गड़बड़ी नही कर पायेगी ,यदि कोई गड़बड़ी होगी तो प्रधान व कर्मचारी कार्यवाही के दायरे में आ जायेगें । 

प्रथम चरण में बुंदेलखंड के सात जिलों सहित लगभग दस हजार ग्राम पंचायतों में एक-एक प्रशिक्षित व्यक्ति तैयार करने की योजना है । अभी संस्थान के पास 35 जनपदों में इस कार्य के लिए टीम तैयार हो चुकी है और अगले छह माह में सभी 75 जिलों के अंठावन हजार ग्राम पंचायतों  तक पहुचने का प्लान है । संस्थान के उप निदेशक सुल्तान मेहंदी ने बताया कि यह प्रशिक्षण निःशुल्क नही है । और संस्थान द्वारा प्रशिक्षार्थी के लिए पूरी किट को तैयार किया गया है तथा प्रशिक्षण के बाद भी हर समस्या के निदान हेतु हेल्पिंग टीम और कॉल सेंटर को तैयार किया जा रहा है ,जो प्रशिक्षार्थी को हर समय जानकारी और मदद उपलब्ध कराएगें । बताया कि कोविड 19 के कम होते ही प्रशासन के नए दिशा निर्देशों के बाद इस विषय पर कार्य प्रारंभ किया जाएगा । संस्थान की तरफ से पूरी तैयारियॉ हो चुकी है । 

इस दौरान पंचायत ट्रेनर आराधना चौहान, आदित्य तिवारी, रूपेंद्र रावत और ऋषि कुमार आदि उपस्थित रहे ।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS